चेन्नई

जलदाय विभाग का दावा खोखला, पानी को भटक रहे लोग

बढ़ रही है चेन्नई वासियों की पानी की परेशानीलोग दूर-दूर से जाकर कर रहे पानी की पूर्ति

चेन्नईMay 20, 2019 / 04:17 pm

PURUSHOTTAM REDDY

चेन्नई. पिछले साल इंद्रदेव की बेरुखी और सरकार की उदासीनता के कारण महानगर पूर्णरूप से सूखे की चपेट मे आ चुका है। पूरे शहर में लोग पानी के लिए भटकने को मजबूर हो गए हैं। झुग्गी झोपडिय़ों से लेकर बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोगों तक सभी को पानी सहज नसीब नहीं हो पा रहा है।

मेट्रो वाटर टैंकर का आनलाइन बुकिंग सिस्टम फेल हो चुका है। प्राइवेट वाटर टंैकर मालिक इस विषम परिस्थिति में दुगुने दाम लेकर भी पानी पहुंचाने में असफल हो रहे हैं जबकि मेट्रो वाटर सप्लाई विभाग यह दावा करता है कि उसके पास चेन्नई की प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त पानी है।

बतादें कि चेन्नई में मेट्रो वाटर टैंकर सप्लाई की समस्याएं सिर्फ पिछड़े इलाकों में ही नहीं अपितु पूरे महानगर में है। आलम यह है कि कई इलाकों में मेट्रो वाटर की बुकिंग करने के पांच दिन बाद भी पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।

पेरुंगुड़ी निवासी गोपालकृष्णन की शिकायत है कि उन्होंने निजी वाटर टैंकर पिछले बुधवार को बुक किया था लेकिन शनिवार रात तक उनके यहां टैंकर की खेप नहीं पहुंची, जिसके कारण उनके परिवार को दिनचर्या के उपयोग के लिए भी पानी नहीं मिला । इएके कारण वे तीन दिनों से नहा नहीं पाए हैं।

उनका कहना था कि उन्होंने कई बार मेट्रो वाटर की ऑनलाइन एवं फोन बुकिंग से पानी खरीदने का प्रयास किया लेकिन पानी उपलब्ध नहीं हुआ। प्राइवेट टैंकर मालिकों ने भी समय पर पानी देने से इनकार कर दिया है।

मजबूरी में उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को एक रिश्तेदार के घर भेजने को विवश होना पड़ा। इतना ही नहीं पानी के कमी के कारण उनके घर के किराएदार भी मकान खाली कर कहीं और शिफ्ट हो गए हैं।

गोपालकृष्णन का कहना था कि प्राइवेट वाटर टैंकर मालिक दुगुने दाम देने के बावजूद समय पर पानी उपलब्ध नहीं करा रहे हैं जबकि जलदाय विभाग का दावा है कि पानी की आपूर्ति हो रही है। सरकार और विभाग जल संकट से निबटने में पूर्णरूपेण सक्षम हैं।

मांग के अनुसार नहीं हो रही आपूर्ति
मेट्रो वाटर सप्लाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि महानगर में पानी की मांग बहुत अधिक बढ़ गई है, इसलिए विभाग ने ३२८२ टैंकर पानी की आपूर्ति के लिए महानगर के विभिन्न इलाकों में लगाए हैं।

वहीं ४९२५ प्राइवेट टैंकर तो उन इलाकों में जलापूर्ति के लिए भेजे जाते हैं जहां के लोग आर्थिक रूप से पिछड़े हैं और उनका बजट पानी खरीदकर खर्च करने जितना नहीं है। विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि खासकर झुग्गियों और देहाती इलाके में पानी की आपूर्ति अधिक की जाती है क्योंकि उन इलाकों में निवास करने वालों पास दूसरा कोई चारा भी नहीं है।

जलदाय विभाग विभाग का यह भी कहना है कि वह प्रतिदिन ८४०० ट्रिप पानी की आपूर्ति महानगर के कई हिस्सों में करता है लेकिन जो परिस्थिति पैदा हुई है उससे लगता है इन टैंकरों की ट्रिप बढ़ानी पड़ेगी।

क्या कहते हैं निवासी…

बुकिंग के बाद सप्ताहभर बाद आपूर्ति
सईदापेट अरुणाचलम स्ट्रीट निवासी एस वरुणा कहती है कि मेट्रो वाटर बुक करने के एक सप्ताह बाद पानी की आपूर्ति की जाती है जबकि बिना पानी के कोई भी काम नहीं होता इसलिए अब प्राइवेट टैंकर मालिकों से दुगुना दाम देकर पानी खरीदना पड़ता है।
देवी कुमारी, वेलचेरी

मेट्रो वाटर विभाग सिर्फ दावे करता है जबकि हकीकत कुछ और ही है। यदि मेट्रो वाटर की सप्लाई मुकम्मल है तो फिर क्या कारण है कि बुकिंग के सात दिन बाद पानी की आपूर्ति की जाता है।
– आर गोपी, कोडम्बाक्कम

फर्जी बुङ्क्षकग के कारण हो रही देरी
एक अपार्टमेंट से दो से अधिक लोगों की बुकिंग मिलने के बाद ही उसे रद्द करनी पड़ती है, या फिर देर से पानी दिया जाता है। यह बात सच नहीं है कि मेट्रोवाटर के पास पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण पानी की आपूर्ति में देर होती है।
– एक अधिकारी, मेट्रोवाटर विभाग, रायपुरम

अस्पतालों में भी समय से नहीं जाता
तमिलनाडु प्राइवेट लॉरी ऑनर एसोसिएसन के सचिव एन निजलिंगम का कहना है कि महानगर के प्राइवेट अस्पताल और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को पानी की आपूर्ति का अनुबंध मेट्रोवाटर विभाग से है। लेकिन अन्य इलाकों में जलसंकट के कारण उन्हें दूसरे इलाकों में भी पानी की आपूर्ति करनी पड़ती है। लिहाजा कई बार ऐसा होता है कि अस्पताल और अन्य प्रतिष्ठानों में भी पानी पहुंचाने में देर हो जाती है।
– राजेंद्र बैद, साहुकारपेट

मेट्रो वाटर टैंकर की दरें (क्षमतानुसार)
वाटर टैंकर पहले अब
१२ हजार ९०० १५००
२४ हजार १८०० २५००
३६ हजार २४०० ३६००

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