scriptदेखें वीडियो : थोड़ी बारिश में भी हो जाता है जल जमाव | Water logging occurs even in light rain | Patrika News

देखें वीडियो : थोड़ी बारिश में भी हो जाता है जल जमाव

locationचेन्नईPublished: Nov 22, 2019 05:55:12 pm

Submitted by:

MAGAN DARMOLA

तिरुवान्म्यूर बस टर्मिनस : बरसों से पुनरुद्धार का इंतजार, पूरे परिसर में जल जमाव होने से यात्रियों को आवाजाही में जद्दोजहद करनी पड़ती है। टर्मिनस परिसर में प्रवेश करते समय बस चालकों को भी हिचकोले खाने पड़ते हैं।

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चेन्नई. महानगर परिवहन निगम (एमटीसी) का दक्षिण चेन्नई का जंक्शन है तिरुवान्म्यूर। तिरुवान्म्यूर बस टर्मिनस से महानगर के तीन दर्जन से भी अधिक रूटों पर एमटीसी की बसों कर संचालन किया जाता है। इस टर्मिनस से एसी बसों का भी संचालन होता है लेकिन टर्मिनस परिसर के रखरखाव के प्रति सरकार और ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन पूरी तरह उदासीन बना हुआ है। इस टर्मिनस को बरसों से पुनरुद्धार का इंतजार है लेकिन सरकार एवं महानगर निगम का ध्यान इस पर कभी पड़ा ही नहीं। यही कारण है कि थोड़ी सी बारिश में भी यह जलाप्लावित हो जाता है।

इस बस टर्मिनस के चारों ओर से गुजरने वाली सड़कों का कई बार डामरीकरण हो चुका है जिससे वे काफी ऊंची हो गई जिसके चलते यह टर्मिनस नीचे होता चला गया। यही कारण है कि जल जमाव इस टर्मिनस की एक बड़ी समस्या बन गया है। ईसीआर और तिरुवल्लूर सालै के किनारे बसा यह बस टर्मिनस सड़क से लगभग तीन फीट गहराई में चला गया है। बरसात के समय यह टर्मिनस तालाब का रूप ले लेता है। पूरे परिसर में जल जमाव होने से यात्रियों को आवाजाही में जद्दोजहद करनी पड़ती है। टर्मिनस परिसर में प्रवेश करते समय बस चालकों को भी हिचकोले खाने पड़ते हैं।

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इस टर्मिनस की इस दशा के लिए महानगर निगम की उदासीनता जिम्मेदार है। उसने कभी इस ओर ध्यान दिया ही नहीं। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन की उदासीनता के कारण ही यह बस टर्मिनस इस हालत में पहुंचा है। बरसों बीत गए लेकिन न तो इसका आंगन ऊंचा हो पाया है और न ही इसकी चारदीवारी की मरम्मत हो पाई है। आश्चर्य की बात तो यह है कि इस टर्मिनस में जमा बारिश का पानी निकलने की भी कोई सुविधा नहीं है जिससे पानी कई दिन तक जमा रहता है।

टर्मिनस की पूर्वी एवं उत्तरी दिशा की चारदीवारी पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है जिसके चलते लोग सीधे ही टर्मिनस में आवागमन करते हैं। स्थानीय दुकानदार नागराजन ने बताया कि टर्मिनस की सुरक्षा के लिए बनी चारदीवारी वर्षों पहले ही ध्वस्त हो गई थी, इसकी सतह भी जर्जरित है एवं प्लेटफार्म जगह जगह टूटा हुआ है। यात्रियों के बैठने की बेंचें भी टूट कर बिखर गई है। लेकिन कॉर्पोरेशन के अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।

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