water scarcity : जल संकट से चेन्नई में अस्पतालों के खर्चे बढ़े, मरीजों पर दोहरी
मार
चेन्नईPublished: Jun 22, 2019 01:07:39 pm
तमिलनाडु tamilnadu की राजधानी चेन्नई chennai में गंभीर जल संकट water scarcity के बाद अस्पतालों में मिलने वाली सेवाओं की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। यहां कमरों के किराए से लेकर डायलिसिस और डॉक्टरों से कंसल्टेशन की फीस बढ़ गई है।
चेन्नई. तमिलनाडु tamilnadu की राजधानी चेन्नई chennai में गंभीर जल संकट water scarcity के बाद अस्पतालों में मिलने वाली सेवाओं की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। यहां कमरों के किराए से लेकर डायलिसिस और डॉक्टरों से कंसल्टेशन की फीस बढ़ गई है। चेन्नई के कई अस्पतालों में कमरों के किराए में 350 रुपए तक का इजाफा देखने को मिल रहा है। बड़े कॉर्पोरेट अस्पतालों का कहना है कि वे किराया कुछ दिन तक बिना बढ़ाए रह सकते हैं लेकिन ज्यादा वक्त नहीं। एक 30 बेड वाले अस्पताल में एक दिन में 12,000-15000 रुपए औसतन खर्च किए जाते हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष डॉ टी.एन.रविशंकर का कहना है कि एक महीने की कीमत 4.5 लाख तक जा सकती है। ऐसे में छोटे अस्पतालों को इसे झेल पाना मुश्किल हो जाता है। इस बोझ को मरीजों पर डालना ही पड़ता है। इसका मतलब है कि बड़े अस्पताल भी ज्यादा वक्त तक बढ़ती कीमतों का दबाव नहीं झेल सकेंगे।
प्राइवेट अस्पतालों को सप्लाई करने वाले पानी के टैंकरों की कीमत भी दोगुनी हो चुकी है। 200 बेड वाले वॉलंटरी हेल्थ सर्विसेज ने बताया है कि पानी का बिल 2 लाख तक पहुंच गया है। फरवरी तक वे बोरवेल सप्लाई के साथ 45 टैंकर पानी खरीदते थे। अब बोरवेल सूख चुके हैं और हर दिन पानी खरीदना पड़ता है। कुछ दिन पहले टैंकर ऑपरेटरों ने कहा कि water problem के बाद उन्हें पानी लेने के लिए दूर जाना पड़ता है। इसलिए, 12,000 लीटर पानी की कीमत 12 से बढ़ाकर 2000 रुपये कर दी जबकि पानी की क्वॉलिटी खराब हो गई है। अब इलाज की कीमत पर भी असर पड़ेगा। मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के डीन ने सभी फंड पानी खरीदने में लगा दिए हैं। अस्पतालों में कई गैलन पानी ऑपरेशन थिएटर, सर्जिकल उपकरणों और डॉक्टरों के हाथों को स्टराइल रखने के लिए इस्तेमाल होता है।
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