scriptरक्षा करें अपनी भाषा व संस्कृति की : नायडू | We must preserve our language and culture: Naidu | Patrika News

रक्षा करें अपनी भाषा व संस्कृति की : नायडू

locationचेन्नईPublished: Oct 11, 2018 05:10:25 pm

Submitted by:

Santosh Tiwari

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि भाषा और संस्कृति की रक्षा करनी चाहिए। मद्रास विश्वविद्यालय में प्रेसिडेंसी कॉलेज के वार्षिक दीक्षांत समारोह में कहा मातृभाषा आंख की तरह होती है और अन्य भाषा चश्मे की तरह होती है।
 

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रक्षा करें अपनी भाषा व संस्कृति की : नायडू

चेन्नई. उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि भाषा और संस्कृति की रक्षा करनी चाहिए। मद्रास विश्वविद्यालय में प्रेसिडेंसी कॉलेज के वार्षिक दीक्षांत समारोह में कहा मातृभाषा आंख की तरह होती है और अन्य भाषा चश्मे की तरह होती है। यदि अच्छी दृष्टि नही होगी तो चश्मा पहनना भी पर्याप्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अपनी मातृभाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए, बल्कि उसका प्रचार करने के साथ अपने घरों में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उत्तर भारतीयों को दक्षिण की भाषा सीखना चाहिए और इसी तरह दक्षिण भारतीयों को उत्तर की भाषा सीखना चाहिए। पर हिन्दी सीखना बहुत ही जरुरी है क्योंकि ये देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। उन्होंने भाषा की उपयोगिता पर जोर देते हुए कहा कि कोई भी भाषा सीखना मुश्किल नहीं है स्वयं में कई भाषाओं को सीखने की इच्छा होनी चाहिए। नायडू ने कहा कि दीक्षांत समारोह में आकर उन्हें बहुत खुशी मिल रही है, क्योंकि जब वे पढ़ाई करते थे तब से इस कॉलेज के बारे में सुन रहे हैंं। यह कालेज दक्षिण भारत में सबसे पुराने और प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक है। नायडू ने कहा कि कॉलेज में ९० प्रतिशत सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी आते है और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लेते हुए अपने भविष्य को बेहतर बनाते है। उन्होंने इस क्षेत्र में बढ़ती हुई व्यापारिकता की निंदा करते हुए कहा कि शिक्षा एक मिशन होना चाहिए कमिशन नहीं । योग सहित अन्य भारतीय पारंपरिक प्रथाओं पर की पैरवी करते हुए उन्होंने कहा योग का धर्म से कोई लेना देना नहीं है। वर्तमान में दुनिया भर के १७२ देश में योग को प्रामाणिकता मिली हुई है। मैने बहुत सारे देशों का दौरा किया है जहां पर लोग इस के बारे में बात करते है। इस अवसर पर एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता और राज्य मत्स्य पालन मंत्री डी. जयकुमार ने सामान्य परिवार से निकल कर उपराष्ट्रपति के पद तक पहुंचने को लेकर नायडू की प्रसंशा करते हुए कहा कि वे नेल्लोर जिले के कृषि परिवार से है और अपने लगन और मेहनत से इस मुकाम को हासिल की है। इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री के. पी. अन्बलगन, उच्च शिक्षा प्रधान सचिव मंगतराम शर्मा, मद्रास विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर पी. दुरैसामी, पे्रसिडेंसी कॉलेज प्रिंसिपल आर. रावना सहित अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे।
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