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हम अपनी भाषा व संस्कृति की रक्षा करें : वेंकैया नायडू

locationचेन्नईPublished: Nov 19, 2018 11:28:27 pm

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा भाषा और संस्कृति एक साथ चलनी चाहिए और हमें इन दोनों की रक्षा करनी चाहिए। वे मद्रास विश्वविद्यालय में आयोजित प्रेसिडेंसी कॉलेज के दीक्षांत समारोह में मातृभाषा के महत्व पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा मातृभाषा आंख की तरह होती है और अन्य

We protect our language and culture: Venkaiah Naidu

We protect our language and culture: Venkaiah Naidu

चेन्नई।उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा भाषा और संस्कृति एक साथ चलनी चाहिए और हमें इन दोनों की रक्षा करनी चाहिए। वे मद्रास विश्वविद्यालय में आयोजित प्रेसिडेंसी कॉलेज के दीक्षांत समारोह में मातृभाषा के महत्व पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा मातृभाषा आंख की तरह होती है और अन्य भाषाएं चश्मे की तरह। यदि अच्छी दृष्टि नहीं होगी तो चश्मा पहनना भी पर्याप्त नहीं होगा। उन्होंने कहा अपनी मातृभाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए, बल्कि उसका प्रचार करने के साथ अपने ही घर के बोलचाल में इस्तेमाल करना चाहिए।


नायडू ने कहा उत्तर भारतीयों को दक्षिण की भाषाएं और दक्षिण भारतीयों को उत्तर की भाषा सीखनी चाहिए। लेकिन हिन्दी सीखना बहुत ही जरूरी है क्योंकि हिन्दी देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। उपराष्ट्रपति ने कहा कोई भी भाषा सीखना मुश्किल नहीं है बस सीखने की योग्यता और इच्छा होनी चाहिए। नायडू ने कहा दीक्षांत समारोह में आकर उनको बहुत हर्ष हो रहा है, क्योंकि जब वे पढ़ाई करते थे तब से इस कॉलेज के बारे में सुनते आ रहे हैंं। यह कालेज दक्षिण भारत में सबसे पुराना, बेहतरीन और प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक है।


उन्होंने कहा इस कॉलेज में ९० प्रतिशत सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी शिक्षा पाते हैं और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लेते हुए अपना भविष्य बेहतर बनाते हंै। शिक्षा एक मिशन होना चाहिए कमीशन नहीं। योग सहित अन्य भारतीय पारंपरिक प्रथाओं के बारे में उन्होंने कहा योग का धर्म से कोई लेना देना नहीं है। वर्तमान में दुनियाभर के १७२ देशों में लोग योग करते हैं। मैंने बहुत सारे देशों का दौरा किया है जहां लोगों को योग के बारे में बात करते देखा हैं।

एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता और मत्स्य पालन मंत्री डी. जयकुमार ने सामान्य परिवार से निकल कर उपराष्ट्रपति के पद तक पहुंचने को लेकर नायडू की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि नेल्लोर जिले के एक कृषक परिवार में जन्म लेने वाले नायडू ने अपनी लगन और मेहनत से इस मुकाम तक पहुंचे हैं। इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री के. पी. अन्बझगण, उच्च शिक्षा प्रधान सचिव मंगतराम शर्मा, मद्रास विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर पी. दुरैसामी, पे्रसिडेंसी कॉलेज के प्रिंसिपल आर. रावणा सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।


इंटरनेट और गैजेट्स के अत्यधिक इस्तेमाल से युवा पीढ़ी प्रभावित

उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने कहा परिवार की व्यवस्था युवाओं को तनाव से बचाने के लिए सर्वश्रेष्ठ औषधि है। वे गुरुवार को एत्तिराज कॉलेज फॉर वुमेन के प्लेटिनम जुबली समारोहों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर तमिलनाडु के मत्स्य पालन और कार्मिक व प्रशासनिक सुधार मंत्री डी.जयकुमार और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। उपराष्ट्रपति ने कहा पितृसत्ता, रूढि़वाद, अतिवाद और धर्मांधता का सर्वश्रेष्ठ तोड़ महिलाओं को शिक्षित करना है। उन्होंने समाज को अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए लड़कियों की शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा यदि भारत एक ऐसा देश बना है, जिसने संवैधानिक मूल्यों को ग्रहण किया है, तो उसे अपने विकास के प्रयासों के केन्द्र में लड़कियों की शिक्षा को अवश्य रखना चाहिए। युवाओं में डिप्रेशन के बढ़ते मामलों के बारे में उपराष्ट्रपति ने कहा युवा अपने आसपास के लोगों से अलग-थलग पड़ रहे हैं और अनुभवी सलाह के अभाव में वे तनाव में जा रहे हैं। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे परिवार के वरिष्ठ व्यक्तियों के साथ नियमित बातचीत करें। इसके अभाव में वे मार्गदर्शन और सहयोग से वंचित रह जाते हैं।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि इंटरनेट और गैजेट्स के अत्यधिक इस्तेमाल से नौजवान प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने छात्राओं और युवाओं से कहा वे एक कड़े नियम का पालन करें और शारीरिक व्यायाम के लिए समय निर्धारित करें।

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