चेन्नई

एकल खिडक़ी व्यवस्था से हुआ ‘गणपति’ का स्वागत

गणपति बप्पा मोरया… अगले बरस तू जल्दी आ… का जयकारा महानगर में गंूजने लगा है। गणेशोत्सव को लेकर मूर्ति स्थापित करने में जहां…

चेन्नईSep 21, 2018 / 04:22 am

मुकेश शर्मा

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चेन्नई।गणपति बप्पा मोरया… अगले बरस तू जल्दी आ… का जयकारा महानगर में गंूजने लगा है। गणेशोत्सव को लेकर मूर्ति स्थापित करने में जहां आयोजक जुटे हैं वहीं पुलिस और प्रशासन एकल खिडक़ी व्यवस्था के जरिए अनुमति देने में लगे हंै। इस बार गणेशोत्सव की विशेषता यह है कि इसमें अदालत की दखलंदाजी शामिल है। न्यायालय की दखलंदाजी की वजह से तमिलनाडु सरकार द्वारा जारी किए गए कड़े दिशा-निर्देश थे जिसे आयोजकों ने चुनौती दी थी। मद्रास हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस, महापालिका व दमकल विभाग संयुक्त रूप से गणेशोत्सव के आयोजकों के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं।

विसर्जन के लिए ५ दिन

गणेश चतुर्थी यानी १३ सितम्बर को महानगर में करीब ढाई हजार स्थानों पर विनायक प्रतिमाएं स्थापित होने की संभावना है। चेन्नई महानगर पुलिस उपायुक्त (इंटेलीजेंस) एस. विमला ने बताया कि मंगलवार तक गणेश प्रतिमा स्थापकों से २५२० आवेदन मिले हैं। इन आवेदकों की जगह, सुरक्षा व्यवस्था और अन्य जोखिमों को ध्यान में रखते हुए इनको एकल खिडक़ी के तहत अनुमति दी जाएगी। अनुमति देते वक्त पुलिस, दमकल विभाग और प्रशासन के अधिकारी एक ही जगह होंगे ताकि उनको कहीं भटकना न पड़े। आयोजकों से आवेदन पत्र के साथ उनके रिहायशी एसोसिएशन की ओर से जारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र भी मांगा गया है। पिछले साल २७०० आवेदन आए थे। इस बार महानगर में गणेशोत्सव को लेकर पुलिस व्यवस्था कड़ी रहेगी। इस दौरान करीब पांच हजार पुलिसकर्मी बंदोबस्त में तैनात रहेंगे।

गणपति पूजन के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए १० हजार पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाएगी। जिसमें ३ कमिश्नर रैंक, ज्वाइंट कमिश्नर, सहायक कमिश्नर, इंस्पेक्टर, एसआई व अन्य पुलिसकर्मी शामिल रहेंगे। मूर्तियों के विसर्जन के लिए नीलांगरै, काशीमेडु, तिरुवत्तियूर आदि जगह में व्यवस्था की गई है।

गणेशजी का नया टें्रड

पुलिस, प्रशासन और आयोजकों की कशमकश के बीच भगवान गणेश का इको फें्रडली रूप बाजार में आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। महानगर में कोसापेट वह इलाका है जहां गणेश की विविध आकार, रंग-रूप और साज-सज्जा वाली मूर्तियों की खरीद-बिक्री होती है। पुलिस की हिदायतों के बीच इस बार भगवान गणेश की मूर्तियों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने की भी पहल हुई है।

इस पहल में शामिल एनजीओ सेवालया के प्रोजेक्ट प्रमुख रामकृष्णन गणेश ने बताया कि पायलट परियोजना के तौर पर हमने यह कार्य हाथ में लिया है और ५०० मूर्तियां तैयार कर सुपुर्द की जाएगी। इस कार्य में सेवालया द्वारा संचालित स्कूल के विद्यार्थी मदद कर रहे हैं। इको फे्रंडली गणेश की मूर्ति में तुलसी, भिंडी समेत अन्य सब्जियों को आयुर्वेदिक पौधों व मिट्टी का मिश्रण होता है। इन मूर्तियों का कद ढाई से तीन फीट है।

दिशा-निर्देश

गणेश मूर्ति की अधिकतम ऊंचाई १० फीट
मूर्ति केवल मिट्टी की ही निर्मित होनी चाहिए, प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग वर्जित होगा
पुलिस द्वारा तय मार्ग से ही निकलेगा जुलूस
आयोजकों को मूर्ति की २४ घंटे की सुरक्षा का जिम्मा उठाना होगा
लाउड स्पीकर के उपयोग की निर्धारित समय सीमा की पालना करनी होगी

दिशा-निर्देशों का रखें खयाल

हम अगर दिशा-निर्देशों का पालन करें तो हमें भी कोई तंग नहीं करेगा। इसलिए जरूरी यह है कि उत्सव आयोजक सरकार द्वारा जारी निर्देशावली का सम्मान करते हुए उसी के अनुसार आचरण करें। हालांकि इस तरह के निर्देश अन्य मौकों पर जारी नहीं होते जिनसे मुझे इत्तफाक है। दिवाली हो या दशहरा हर पर्व पर कुछ ‘तथाकथित सेकुलर’ लोगों को हमारी हजारों साल पुरानाी संस्कृति से तकलीफ अवश्य होती है।


रीतेश रंजन

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