जहां मैं और मेरा आया वहां बोझ का अंधेरा है और जहां च्तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेराज् की भावना है, वहां बोध का सवेरा है। जैसे पतंग यदि डोर से बंधी है, तो वह आकाश की ऊंचाई को छूकर पुन: अपने स्थान पर लौट आती है, वैसे ही हमारे जीवन रूपी पतंग की डोर भी यदि सद्गुरु के हाथ में हो तो हमारा जीवन भी बहुत ऊंचाई को छूता हुआ पुन: सुरक्षित स्थान पर आ जाएगा। पतंग और पतंगा में सिर्फ एक सीधी लाइन का फर्क है। सीधे चले तो हम पतंग की तरह ऊपर उठते रहेंगे और टेढ़े चले तो पतंगा की तरह जीवन गंवा देंगे।
पतंग स्वतंत्र होती है लेकिन स्वच्छंद नहीं और पतंगा स्वतंत्र के साथ स्वच्छंद होता है, उस पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं होता, इसलिए पतंगा दीपक की लौ में फडफ़ड़ा कर मर जाता है और पतंग घूम फिरकर अपने स्थान पर आ जाती है। जिसके जीवन रूपी पतंग की डोर सद्गुरु के हाथ में हो, वह बिना किसी को तंग किए सद्गुरु की भक्ति के रंग में रंग जाता है। कच्चे धागे वाली पतंग स्वयं कटने के साथ सद्गुरु को भी तंग कर देती है। कच्चा धागा कटने व सद्गुरु के हाथों से छूटने पर दुनिया उसे लूट लेती है। मुनि भुवनरत्न विजय ने भी उद्बोधन दिया।
2.5 टन प्रतिबंधित प्लास्टिक उत्पाद जब्त
तिरुचि निगम के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को करीब 2.50 टन प्रतिबंधित प्लास्टिक उत्पाद जब्त किए। इसमें कमर्शियल स्ट्रीट से जब्त किए गए प्लास्टिक कैरी बैग शामिल रहे। कुल 30,000 जुर्माना करीब आठ दुकानों पर लगाया गया। जहां इन उत्पादों का स्टाक किया गया था।
पिछले दिनों राज्य सरकार ने इन उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया था। निगम ने कहा कि उन्हें इस बारे में सतर्क किया गया था।गांधी बाजार के आस पास वे लगातार प्रतिबंधित प्लास्टिक उत्पाद बेच व बांट रहे थे। सिटी हेल्थ आफिसर डा.ए.जगनाथन ने कहा कि थोकव्रिकेता प्लास्टिक व्यापारी अपने स्टाक बेचने को बेकरार हैं। उन्होंने इसे प्रतिबंध लागू होने के पहले यह खरीदा था। उन्हें चेताया गया है कि वे आगे से प्रतिबंधित प्लास्टिक उत्पाद न बेचें। उन्हें इसके प्रति संवेदनशील बनाया गया है।