इलाकों में दिखा अलग नजारा
यहां शनिवार सुबह पेरम्बूर, कोडंगयूर, माधवरम और आसपास के इलाकों में सब्जी और किराना बाजार में जरूरी वस्तुओं की मांग तेजी से बढऩे लगी है। सब्जी बाजार और किराना स्टोर की दुकानों में दिनभर भीड़ दिखी। वहीं सुपरस्टोर में भी लोगों ने खूब खरीदारी की।
कोडंगयूर के एमएम नगर स्थित किराना दुकान के मालिक शोमेश ने बताया कि किराना बाजार में पिछले एक हफ्ते से जरूरी वस्तुओं की खरीदारी में तेजी आई है। किराना व जनरल मर्चेंट कारोबारियों के अनुसार दाल, चावल, शक्कर, तेल, घी, आटा, मसाला, मैगी, नमकीन, ड्राईफ्रूट जैसी रोजमर्रा में उपयोग होने वाली खाने-पीने की वस्तुओं में ग्राहकी तेजी से बढ़ गई है।
बढ़ती मांग के कारण कारोबारियों के पास मौजूद पुराना स्टॉक भी तेजी से निकल रहा है। वहीं यदि इसी रफ्तार से खरीदारी चली तो आने वाले दिनों में बाजार में जरूरत की वस्तुओं की कमी हो जाएगी। अचानक खरीदारी में तेजी के कारण सप्लाई चेन का मैनेजमेंट गड़बड़ाने से दाम में बढ़ोतरी भी हो सकती है।
कोरोना के डर से कांपी व्यवस्था
कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर प्रशासन अपनी जवाबदेही के प्रति सतर्क हो गया है। सार्वजनिक स्थानों पर आने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने प्रतिबंध का रास्ता अपनाया है। मॉल और सिनेमाघरों को बंद कर दिया गया है। आयोजनों पर प्रतिबंध लग गए हैं। खरीदारी करने आए तामरै षणमुगम के अनुसार इस तरह से प्रशासन द्वारा कोरोना से निपटने के लिए उठाए जा रहे एहतियात वाले कदमों से लोगों को यह खतरा सताने लगा है कि आने वाले दिनों में कहीं लॉक डाउन की स्थिति में न आ जाए। शनिवार को तमिलनाडु में एक ही दिन तीन कोरोना विषाणु से संक्रमित होने के मामले सामने आने के बाद स्थिति और गंभीर होने की स्थिति में नजर आ रही है।
सामान्य दिनों की तुलना में कीमतें अधिक
अन्य दिनों की तुलना में जहां एक तरफ खरीददारों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी गई तो वहीं मौके का भरपूर फायदा उठाते हुए विक्रेताओं ने आलू-प्याज से लेकर कई फल-सब्जियों के अधिक दाम भी वसूले। माधवरम के स्थानीय निवासी ने बताया कि एक दूसरी ओर शहर के पार्कों में मौजूदा हालात के चलते मॉर्निंग वॉक पर आने वालों की संख्या में कमी तो आई है लेकिन अभी भी कुछ जगह चहल-पहल बरकरार है।
अलबत्ता, मंदिरों में नजारा बदल गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनता कफ्र्यू से जुड़े आह्वान को देखते हुई ज्यादातर बुजुर्ग तो घरों में ही कैद रहे। जबकि बच्चे व अन्य आयु वर्गों के लोग अवश्य रूटीन दिनचर्या में हैं।
अधिक वसूली, संक्रमण से बचाव के उपाए नहीं
गंभीर पहलू यह रहा कि इतनी भीड़ के बावजूद पूरे बाजार परिसर में न तो कहीं संक्रामक रोगों से बचाव के प्रशासनिक इंतजाम दिखाई दिए और न ही सामान को मनमाने दाम पर बेचने वालों पर अंकुश लगाने के लिए यहां किसी किस्म की तैयारी नजर आई। मजबूरन लोग अधिक दामों पर वस्तुएं खरीदे।