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मंदिरों में सैफ रूम बनाने के लिए २०२१ तक क समय क्यों मांगा जा रहा ?

locationचेन्नईPublished: Jul 13, 2018 08:17:52 pm

Submitted by:

P S VIJAY RAGHAVAN

मद्रास हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी

Why time being asked to make safe rooms in temples till 2021 ?

मंदिरों में सैफ रूम बनाने के लिए २०२१ तक क समय क्यों मांगा जा रहा ?

चेन्नई. मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को राज्य के मंदिरों में मूर्तियों और आभूषणों की हिफाजत के लिए २०२१ तक सैफ रूम स्थापित करने की मोहलत देने से इनकार कर दिया है।
मूर्ति तस्करी से जुड़े मामले पर उच्च न्यायालय के जज महादेवन की अध्यक्षता वाली न्यायिक पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई की।
हिन्दू धर्म व देवस्थान विभाग ने शपथ पत्र दायर किया कि राज्य के ११५१२ मंदिरों में स्ट्रांग रूम है। शेष तीन हजार मंदिरों में २०२१ तक इनका निर्माण करा दिया जाएगा।

इस शपथ पत्र पर न्यायाधीश ने नाराजगी जताई कि पिछले साल हमने जो दिशा निर्देश दिए थे उनकी पालना करने के बजाय सरकार और मोहलत मांगे जा रही है। अगर यही प्रवृत्ति जारी रही तो हम मुख्य सचिव को निजी तौर पर उपस्थित होने के नोटिस जारी कर देंगे।
हाईकोर्ट की बेंच ने पूछा २०२१ तक का समय क्यों मांगा जा रहा है? क्या हर बार मोहलत मांगना ही सरकार का काम है? अगर आपके शपथ पत्र को स्वीकारते हुए २०२१ तक की मोहलत दे दी गई तो शेष मूर्तियां भी चोरी हो जाएंगी।
बेंच ने निर्देश किया कि इस मामले में पुलिस, लोक निर्माण विभाग व नगर निगमों के अधिकारियों को सम्मिलित करते हुए कमेटी का निर्माण किया जाए। जल्द ही स्ट्रांग निर्माण की रूपरेखा तैयार कर यह कार्य पूरा कर नया शपथ पत्र पेश किया जाए।
मुख्य सचिव की पेशगी पर सरकारी वकील ने कहा कि जब विभागीय सचिव होने की सूरत में शासन सचिव को बुलाना उचित नहीं होगा पर जज महादेवन ने कहा कि उनको कोर्ट में बुलाकर स्पष्टीकरण मांगने का हमें अधिकार है।

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