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अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव के कायदे क्यों नहीं भारत में लागू हो सकते : हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै शाखा के न्यायाधीश एन. कृपाकरण ने सवाल किया है

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why we can't follow american rules says madras highcourt

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चेन्नई.

मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै शाखा के न्यायाधीश एन. कृपाकरण ने सवाल किया है कि अमरीका के राष्ट्रपति पद के लिए दो बार से अधिक चुनाव नहीं लडऩे की पाबंदी जैसी शर्त भारत में क्यों नहीं लागू की जा सकती।


उच्च न्यायालय में पोल्लाची निवासी सुबय्या ने एक याचिका दायर की कि चुनाव लडऩे के इच्छुक प्रत्याशी से शारीरिक फिटनेस प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से पेश करने का निर्देश जारी किया जाए।

केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने इस याचिका पर हाईकोर्ट में कहा कि वह विधि आयोग से विचार-विमर्श करेगा कि क्या प्रत्याशियों से डॉक्टरी सर्टिफिकेट मांगा जा सकता है? आयोग के इस जवाब के बाद हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई १३ अप्रेल के लिए टाल दी।

इससे पहले जज कृपाकरण ने कहा कि अमरीका में कोई भी नागरिक दो बार से अधिक राष्ट्रपति नहीं बन सकता है। अमरीका की तरह चुनावी उम्मीदवारी को लेकर भारत में नियम क्यों नहीं है? क्या एक प्रत्याशी के बार-बार चुनाव लडऩे पर रोक लगाने का नियम नहीं बनाया जा सकता?

जज ने ये सवाल करते हुए कहा कि शायद ऐसी व्यवस्था नहीं होने की वजह से एक ही उम्मीदवार लगातार चुनाव लड़ता रहता है। उन्होंने यह भी कहा कि कोई व्यक्ति जनसेवा के कार्य में लग जाता है तो उसके बारे में पूर्ण विवरण जनता को पता होना चाहिए।

इस मामले में केंद्रीय व राज्य विधि आयोग को भी पक्षकार के रूप में शामिल किया गया है। हाईकोर्ट ने इस सिलसिले में विधि आयोग, चुनाव आयोग व केंद्र सरकार से भी जवाब मांगा है।

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मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै शाखा के न्यायाधीश एन. कृपाकरण ने सवाल किया है कि अमरीका के राष्ट्रपति पद के लिए दो बार से अधिक चुनाव नहीं लडऩे की पाबंदी जैसी शर्त भारत में क्यों नहीं लागू की जा सकती। उच्च न्यायालय में पोल्लाची निवासी सुबय्या ने एक याचिका दायर की कि चुनाव लडऩे के इच्छुक प्रत्याशी से शारीरिक फिटनेस प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से पेश करने का निर्देश जारी किया जाए।