सरकार के प्रयास
राष्ट्रीय अपतटीय पवन ऊर्जा नीति को अक्टूबर 2015 में अधिसूचित किया गया था, जिसका उद्देश्य 7600 किलोमीटर की भारतीय तट रेखा के साथ भारतीय विशेष आर्थिक क्षेत्र में अपतटीय पवन ऊर्जा विकसित करना था। गुजरात और तमिलनाडु में आठ क्षेत्रों की पहचान की गई है जहां 70 गीगावॉट की संचयी अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता है।
12 लाख नौकरियां
काउंसिल ऑफ एनर्जी, एन्वायरर्मेंट एंट वाटर ने एक अध्ययन भी किया है। जिसके मुताबिक क्लीन एनर्जी पर जो भारत द्वारा योजना तैयार की गई है उससे आने वाले 10 सालों में देश में तकरीबन 12 लाख नौकरियों के अवसर पैदा होंगे। विंड पावर से आने वाले 7 सालों में करीब 2 लाख नौकरियों के आने की उम्मीद है।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की पहचान
यही नहीं तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश के राज्यों में संभावित नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की पहचान की गई है और इन नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों को एकीकृत करते हुए एक व्यापक पारेषण योजना विकसित की गई है।