ओट्टपिडारम सूखा एवं पिछड़ा इलाका है। अधिकांश लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि एवं पशुपालन है। हालांकि ओट्टपिडारम में 437 उद्योग है। थर्मल पॉवर प्लान्ट का विकास भी हो रहा है। इलाके में कई स्वतंत्रता सेनानी हुए हैं। कृष्णासामी दलितों के बीच काफी लोकप्रिय है। लोगों का कहना है कि यहां की प्रमुख समस्या पेयजल की है। न तो पीने के लिए प्रचुर मात्रा में पानी है और न ही सिंचाई के लिए।
ओट्टपिडारम सरकारी अस्पताल में सुविधाओं की भी दरकार महसूस की जा रही है।
पुतियमपुत्तुर में कपड़े का अच्छा बाजार है लेकिन सुविधाओं की कमी अखर रही है। लम्बे समय से यहां टेक्सटाइल पार्क की मांग की जा रही है। साथ ही नए कोर्ट एवं फायर स्टेशन खोलने की मांग भी हो रही है। ओट्टपिडारम से 15 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं। चुनाव आयोग की टीम ने यहां एक होटल की तलाशी भी ली थी जहां शिकायत मिली थी मतदाताओं को बांटने के लिए नकदी रखी गई है।
एआईएडीएमके प्रत्याशी:
एआईएडीएमके उम्मीदवार पी. मोहन कहते हैं, उनकी प्राथमिकता जल समस्या का समाधान करना होगा। साथ ही बस स्टेशन का निर्माण कराएंगे। एआईएडीएमके उम्मीदवार पी. मोहन ओट्टापिडारम से पूर्व विधायक रह चुके हैं। वे तिरुनेलवेली से आविन के चेयरमैन भी है।
जब एआईएडीएमके ने पी. मोहन के नाम की घोषणा की तो शुरुआत में उनका एक वर्ग में विरोध किया। पार्टी के एक वर्ग का कहना था कि मोहन 2006-11 के दौरान विधायक रहे लेकिन कुछ काम नहीं किया।
डीएमके प्रत्याशी:
डीएमके प्रत्याशी एम.सी. षणमुगैया ने कहा, जल योजनाएं लाकर समस्या का निदान कराएंगे। डीएमके के एम.सी. षणमुगैया पेशे से अधिवक्ता हैं। 39 वर्षीय षणमुगैया अयिरावनपट्टी गांव के रहने वाले है। वे ओट्टपिडारम ब्लाक के इलेवेलंगल पंचायत के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं। वे ओट्टापिडारम यूनियन के काउन्सलर भी रहे। उनकी पत्नी सुगिरता ओट्टापिडारम यूनियन की चेयरमैन रह चुकी है।
एएमएमके प्रत्याशी:
एएमएमके उम्मीदवार सुन्दरराज कहते हैं, उन्हें विधानसभा में अयोग्य घोषित करने से पहले 2863 मामले उठाए। एएमएमके ने आर. सुन्दरराज को उम्मीदवार बनाया है जो 18 अयोग्य घोषित किए गए विधायकों में से एक हैं।
पिछले चुनाव की स्थिति
2016 के विधानसभा चुनाव में एडीएमके के आर. सुन्दरराज विजयी रहे थे। उन्हें 65,071 मत मिले। उन्होंने पुदियाय तमिलगम के कृष्णासामी को मामूली अंतर से हराया। कृष्णासामी को तब 64,578 मत मिले थे। तीसरे स्थान पर डीएमडीके के एस. अरमुगनैनार रहे थे जिन्हेें सिर्फ 14,127 वोट ही मिल सके।
2011 के चुनाव में पुदिया तमिलगम के डॉ.कृष्णासामी ने डीएमके के एस, राजा को हराया। तब कृष्णासामी को 71,330 तथा राजा को 46,204 वोट मिले। उस समय पुदिया तमिलगम ने एआईएडीएमके गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था।
प्रमुख समस्याएं:
– पेयजल की भारी किल्लत
– उद्योगों की रफ्तार नहीं
– रोजगार के अवसरों की कमी