ये टाइप 2 मधुमेह (25 से 65 साल) के 400 रोगी थे। इस मौके पर विशेष मधुमेह स्वप्रबंधन शिक्षा तथा स्पोर्ट सर्विस जो रोगी के सशक्तिकरण के लिए समर्पित है, लांच किया गया। रोगी इससे अपने मधुमेह का स्वयं प्रबंधन कर सकेंगे। इसमें सीधी बातचीत तथा ह्वट्स ऐप मोबाइल एप्लीकेशन शामिल है। इसके साथ ही हेल्दी माइंड इन डायबिटीज क्लिनिक की भी शुरुआत की गई। यहां मधुमेह रोगियों की (दुख आदि) जांच एवं निशुल्क काउंसलिंग की जाएगी।
इस मौके पर हॉस्पिटलल के प्रमुख डा.विजय विश्वनाथन ने कहा कि देश में 65 मिलियन लोग मधुमेह से प्रभावित हैं। इसका बड़ा कारण जीवनशैली है। उन्होंने कहा कि टाइप 2 डायबिटीज जीवन के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
इससे रेटीनोपैथी तथा हाइपरटेंशन की समस्या सामने आती है। इसकी जटिलताओं, नियंत्रण तथा इलाज के तौर तरीकों को जानना जरूरी है।