वर्क फ्रॉम होम अब आ रहा रास, कइयों ने सीख ली नई तकनीक
चेन्नईPublished: May 13, 2021 07:13:41 pm
वर्क फ्रॉम होम अब आ रहा रास, कइयों ने सीख ली नई तकनीक- समय के साथ खुद को ढाल बढ़ रहे आगे
NIKITA V. RAJPUROHIT MOHRAI
चेन्नई. स्टॉक ब्रोकिंग फर्म नेविया मार्केट्स लिमिटेड में सेल्स एक्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत चेन्नई की निकिता वी. राजपुरोहित इस बार लॉकडाउन के बाद से घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) कर रही है। वे सुबह नौ बजे से सायं छह बजे तक घर पर रहकर लैपटॉप पर काम करती है। निकिता कहती है, हर रोज जूम मीटिंग होती है और किसी भी तरह की तकनीकी सपोर्ट के लिए कंपनी से मदद मिल जाती है। निकिता की ही तरह कई युवक-युवतियां इन दिनों वर्क फ्रॉम होम के कल्चर में पूरी तरह से ढल चुके हैं। घर पर रहते हुए वे अधिक जिम्मेदारी के साथ काम के लिए अधिक समय दे रहे है।
लगातार बढ़ रहा वर्क फ्रॉम होम कल्चर
पिछले एक साल से सकारी एवं निजी संस्थानों में वर्क फ्रॉम होम का कल्चर बढ़ा है। शुरुआत में तकनीक से अधिक परिचित न होने के चलते लोगों को थोड़ी दिक्कत भी हुई लेकिन अब कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम भाने लगा है। समय के साथ तकनीक में पारंगत होने के साथ ही आगे बढ़ रहे हैं। अधिकांश लोग जहां लैपटॉप या कम्प्युटर सेट पर काम करने को प्राथमिकता दे रहे हैं तो कई मोबाइल के माध्यम से भी वर्क फ्रॉम होम के तहत काम कर रहे हैं।
बड़े शहरों में दफ्तर आना-जाना मुश्किल भरा
चेन्नई समेत अन्य महानगरों में ऑफिस के लिए आना-जाना कहीं अधिक मुश्किल भरा है और घर से काम करने में लोग इन झंझटों से मुक्त हो गए हैं। उनके पैसे भी बच रहे हैं। घर-परिवार के साथ रहने का अवसर भी मिल रहा है। कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए घर से काम करने को लेकर लोगों में रुझान बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लोगों को वर्क फ्रॉम होम की सहूलियत दी गई और अब तो यह लोगों को पसंद आने लगा है।
पसंद आई सुविधा
पिछले दिनों किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई कि कोविड के दौरान घर से काम करने की सुविधा कर्मचारियों को इतनी पसंद आई है कि उसको जारी रखने के लिए ज्यादातर कर्मचारी सैलेरी में कटौती को भी तैयार हैं। अध्ययन में करीब दो तिहाई लोगों का कहना था कि उनको दफ्तर में काम करने से ज्यादा खुशी वर्क फ्रॉम होम में मिलती है। अधिकांश कर्मचारियों ने खुद को वर्क फ्रॉम होम के तहत ढाल लिया।