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माइक्रोवस्कुलर डिकम्प्रेशन सर्जरी से युवक को रिंगिंग सेन्सेशन से मिली राहत

locationचेन्नईPublished: Apr 10, 2021 11:28:08 pm

Submitted by:

Santosh Tiwari

-देश का पहला मामला, दुनिया में ऐसे 50 से भी कम मामले
-एमजीएम हेल्थकेयर ने की यह दुर्लभ सर्जरी

माइक्रोवस्कुलर डिकम्प्रेशन सर्जरी से युवक को रिंगिंग सेन्सेशन से मिली राहत

माइक्रोवस्कुलर डिकम्प्रेशन सर्जरी से युवक को रिंगिंग सेन्सेशन से मिली राहत

चेन्नई.

एमजीएम हेल्थकेयर के चिकित्सकों ने एक दुर्लभ सर्जरी कर एक 26 वर्षीय युवक को रिंगिंग सेन्सेशन (सनसनी बजना) से राहत दी है। यह टिनीटस का एक दुर्लभ रूप है। चिकित्सकों का दावा है कि भारत में यह पहला मामला है जिसका इलाज माइक्रोवस्कुलर डिकम्प्रेशन सर्जरी से किया गया है। दुनिया भर में ऐसे 50 से भी कम मामले दर्ज किए गए हैं। टिनीटस स्वास्थ्य की एक ऐसी स्थिति है जिसमें रोगी लगातार अपने कान में बजने की सनसनी महसूस करता है। यह न्वाइज तब भी महसूस होती है जब कोई बाहरी आवाज न हो। कई बार यह ऐसे रोग का लक्षण होता है जो अनजान है। माइक्रावस्कुलर डिकम्प्रेशन सर्जरी का उपयोग ट्रिगेमिनल न्यूरालजिया (नस दबने के कारण चेहरे के ऊपर दर्द जैसा झटका) के इलाज के लिए नियमित किया जाता है। रोगी अप्रैल 2019 से बाई कान में इस रोग से पीड़ित था। उसे सोने में दिक्कत होती थी साथ ही वह अपने दैनिक गतिविधि पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता था। भारत में इस तरह का यह पहला मामला है। इस हास्पिटल में आने के बाद उसके ब्रेन का एमआरआई किया गया। इसमें कोई असामान्य ट्यूमर या वस्कुलर मालफार्मेशन नहीं दिखा। डा.के.श्रीधर ने बताया कि विस्तृत जांच के बाद यह सामने आया कि इस समस्या का कारण श्रवण तंत्रिका को धमनी से सट गया होना है। इसके बाद कर्णावर्ती तंत्रिका की माइक्रोवस्कुल डिकम्प्रेशन सर्जरी की गई। इसके जरिए आर्टरी को नर्व से अलग किया गया। उन्होंने कहा कि इस सर्जरी की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि यदि इसे ठीक से नहीं किया गया तो रोगी बहरा हो सकता है। उसमें फेसियल वीकनेस का विकास हो सकता है।

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