शहर में जल्द आएगी सीसीटीवी कैमरों से लैस मोबाइल बैन
चुनाव नजदीक आते ही पुलिस प्रशासन सख्त हो गया है। शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है। अपराधिकारियों व अपराधों पर अब पुलिस की तीसरी निगाह नजर रखेगी। इसके लिए ११६ कैमरे लग चुके हैं। चुनाव के दौरान शहर में और कैमरे बढ़ाए जाएंगे। इसके अलावा तहसील स्तर पर भी सीसीटीवी कैमरे लगवाने की प्रक्रिया अमल में है। इतना ही नहीं शहर में मोबाइल बैन सर्विलांस की भी सौगात मिलने वाली है। यह गाड़ी सीसीटीवी कैमरों से लैस रहेगी। कंट्रोल रूम से इसका संचालन किया जाएगा। कंट्रोल रूम से मिलने वाली जानकारी को यह गाड़ी जिले में घूम कर फॉलो करेगी। मोबाइल बैन सर्विलांस गाड़ी को भोपाल भेजा गया है। जल्द ही यह गाड़ी कैमरों से फिट होगी। जल्द ही यह गाड़ी शहर में आएगी। इंजीनियर गौरव गुप्ता ने बताया कि मोबाइल बैन सर्विलांस से शहर की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखी जाएगी।
चार अप्रैल को शुरू हुए थे कैमरे
– मई बस स्टैंड पर एक ट्रक ने एक्सीडेंट कर दिया था। जिसकी सीसीटीवी फुटेज से पहचान की गई और ट्रक को पकड़ा गया।
– पन्ना नाका तिराहा पर बाइक से ज्वैलर्स चोरी करने वाले बाइक सवारों की पहचान फुटेज के माध्यम से कर आरोपियों को गिरफ्तार किया था। बाइक का नंबर भी निकाला गया।
– शहर में बाइक चोरी की घटनाओं को पर भी इन कैमरों के माध्यम से अंकुश लगाया जा रहा है।
कंट्रोल रूम में ऐसे होता है काम
कंट्रोल रूप में मौजूद स्टाफ ने बताया कि कंट्रोल में स्थित स्क्रीन से शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाती है। जैसे ही किसी चौराहा या तिराहा पर जाम की स्थिति दिखाई देती है हम लोग तत्काल इसकी जानकारी पुलिस कंट्रोल रूप को देते हैं। कंट्रोल रूप से यह जानकारी यातायात पुलिस को दी जाती है। सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंच कर स्थिति से निबटती है। इतना ही नहीं किसी भी चौराहा पर अगर कोई घटना घटित होती है या घटने के संकेत दिखाई देते हैं तो इसकी जानकारी पुलिस कंट्रोल रूप को स्टाफ द्वारा दे दी जाती है।
पुलिस भी रहती है सक्रिया
पुलिस लाइन में संचालित सीसीटीवी कंट्रोल रूप पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में किया जा रहा है। ऐसे में शहर में किसी भी स्थान पर कोई घटना घटित होती है तो संबंधित थाना प्रभारी को तत्काल पुलिस अधीक्षक से मिलकर घटना की जानकारी देते हैं। अगर थाना प्रभारी को घटना के सीसीटीवी फुटेज चाहिए तो एसपी के निर्देश पर ही दिए जाते हैं। अब तक शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से पुलिस को कई अपराध व चोरी की घटनाओं के खुलासे में खासा सहयोग मिला है।
एएनपीआर कैमरे ऐसे करते हैं काम
एएनपीआर कैमरे ऑटोमेटिक नंबर प्लेट सर्च करता है। इन कैमरों के जरिए सड़क से गुजरने वाले वाहनों के नंबर प्लेट ऑटोमेटिक सर्च की जाती हैं। सड़क पर गुजरने वाले बाइक या चार पहिया वाहन की नंबर प्लेट की बिल्कुल स्पष्ट दिखाता है और गाड़ी का फुटेज स्क्रीन पर दिखने लगता है। एएनपीआर के शहर में ३१ कैमरे लगाए गए हैं। जिनमें से नौ कैमरे अभी बंद हैं। शेष कैमरे काम कर रहे हैं।
पीटीजेड कैमरे ऐसे करते हैं काम
शहर में ये १७ कैमरे लगाए गए हैं। जिनमें से अभी सात कैमरे बंद हैं। जबकि दस कैमरे काम कर रहे हैं। पीडीजेड कैमरों को पेंटिंग जूम के नाम से जाना जाता है। ये कैमरे तीन सौ सात डिग्री घूम सकते हैं। चौराहे के चारों तरफ होने वाली किसी भी गतिविधियों को ये कैमरा आसानी से कैद कर लेता है। इन कैमरों की पांच सौ से छह मीटर तक की फुटेज लेने की क्षमता है।
फिक्स कैमरे ऐसे करते हैं काम
फिक्स कैमरे शहर में ५८ स्थानों पर लगाए गए हैं। जिनमें से अभी से २२ कैमरे बंद पड़े हैं। चार मेगा फिक्सल इन कैमरों से सौ मीटर तक की दूरी की फुटेज ली जा सकती है। चौराहों पर प्रत्येक लुकेशन में इन कैमरों को लगाया गया है। जिनके द्वारा वहां से निकलने वालों की गतिविधयों पर नजर रखी जा रही है।
ड्रॉम कैमरे ऐसे करते हैं काम
ये कैमरे कंट्रोल रूम में काम करते हैं। दस कैमरे लगाए गए हैं। जो कंट्रोल रूम की पूरी लुकेशन भोपाल में सर्कुलेट करते हैं। इन कैमरों के जरिए पूरे स्टाफ पर नजर रखी जाती है। जिससे कि भोपाल में बैठे अधिकारी भी यहां की गतिविधियों की देखरेख करते हैं।
कैमरों की स्थिति
जिले में लगाए गए कुल कैमरे- 116
केटागिरी- एएनपीआर- 31
केटागिरी-पीटीजेड- 17
केटागिरी- फिक्स- 48
ड्रॉम कैमर- 10
स्टाफ की स्थिति
कैमरों की निगरानी के लिए सात पुलिस कर्मियों को लगाया गया है। जो तीन शिफ्टों में काम कर रहे हैं। पुलिस स्टाफ सुबह छह से दो बजे तक, दो से रात नौ बजे तक व रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक काम करते हैं। इसके साथ ही हनी बैल कंपनी के दो कर्मचारी भी यहां काम कर रहे हैं और स्क्रीन पर दिखने वाली प्रत्येक गतिविधियों पर ध्यान दिया जा रहा है।
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इनका कहना
कैमरों की गतिविधियों पर निगाह रखने के लिए स्टाफ को भोपाल व इंदौर में प्रशिक्षण कराया गया है। साथ ही चौबीस घंटे कैमरों से शहर में होने वाली गतिविधियों पर निगाह रखी जा रही है।
योगेंद्र सिंह, आरआई पुलिस लाइन छतरपुर
इनका कहना
शहर में ११६ कैमरे लगाए गए हैं। बारिश के कारण ३८ कैमरे अभी बंद हैं। भोपाल से स्टाफ बुलाया गया है। जल्द ही इन कैमरों को ठीक कराया जाएगा।
नीरज पांडे, टेक्निकल एग्जीक्यूटिव सर्विस इंजीनियर
इनका कहना
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पुलिस पूरी तरह चौकन्नी है। इसके लिए शहर में विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों का संचालन किया जा रहा है। जिन्हें कंट्रोल रूम से जोड़ कर शहर की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
विनीत खन्ना, एसपी छतरपुर