scriptझांसी खजुराहो फोरलेन पर 133 अतिक्रमण, 2 करोड़ का जुर्माना, लेकिन नहीं हटे कब्जा | 133 encroachments on Jhansi Khajuraho Fourlane, fined 2 crores | Patrika News

झांसी खजुराहो फोरलेन पर 133 अतिक्रमण, 2 करोड़ का जुर्माना, लेकिन नहीं हटे कब्जा

locationछतरपुरPublished: Jun 27, 2022 06:12:58 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

एनएचएआइ कई बार जिला प्रशासन को लिख चुका पत्रपुलिस उपलब्ध न होने से नहीं हो पा रही कार्रवाई

पुलिस उपलब्ध न होने से नहीं हो पा रही कार्रवाई

पुलिस उपलब्ध न होने से नहीं हो पा रही कार्रवाई


छतरपुर. झांसी खजुराहो फोरलेन के किनारे अतिक्रमण करने वालों का सर्वे, नोटिस के बाद अब राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया, लेकिन अभी तक अतिक्रमण हटाया नहीं जा सका है। एनएचएआइ कई बार जिला प्रशासन व पुलिस को अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई के लिए पत्र लिख चुका है, लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं नहीं दिया। इससे फोरलेन पर अतिक्रमण बढ़ते जा रहे हैं। जिले की नौगांव, छतरपुर और राजनगर तहसील इलाके में एनएचएआइ ने एक साल पहले 133 अतिक्रमण चिंहित किए थे। अतिक्रमण हटाने नहीं जाने से इनकी संख्या बढ़ती जा रही है।
ये है नियम
राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात अधिनियम के तहत हाइवे की सड़क के मध्य बिंदु से दौनों ओर 40 मीटर की तक किसी भी तरह के निर्माण कार्य पूरी तरह अवैध माने जाते हैं। जबकि 40 मीटर से 75 मीटर तक की दूरी के बाद किसी भी तरह के निर्माण के लिए एनएचएआई से अनुमति लेना होती है। कोई भी भूस्वामी 75 मीटर के बाद ही निर्माण कार्य के लिए स्वतंत्र होता है। इस नियम के मुताबिक लगभग 75 मीटर की दूरी तक एनएचएआई का नियंत्रण माना जाता है। मगर फोरलेन हाइवे पर न तो लोग प्राविधानों को मान रहे हैं, न एनएचएआई प्राविधानों के खिलाफ किए गए अवैध निर्माणों के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सका है।

छतरपुर तहसील में सबसे ज्यादा अतिक्रमण
सबसे ज्यादा अतिक्रमण छतरपुर तहसील इलाके में हुए हैं। 52 जगह अतिक्रमण चिंहित करने के बाद एनएचएआई ने 80 लाख 14 हजार 150 रुपए का जुर्माना लगाया। छतरपुर इलाके में सबसे ज्यादा जुर्माना स्टार ऑटोमोबाइल पर 20 लाख रुपए लगाया गया है। इसके बाद सतीश दलाल पर 12 लाख रुपए, कुलदीप सिंह पर 9 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया, लेकिन किसी का अतिक्रमण अभी तक नहीं हटा। पूरे जिले में चिंहित किए गए 133 अतिक्रमण पर प्रति वर्ग मीटर 500 रुपए की दर से जुर्माना लगाया गया। जुर्माना भरने के बाद भी अतिक्रमण हटाए जाने थे। कब्जाधारी खुद अतिक्रमण नहीं हटाते तो एनएचएआई जिला प्रशासन की मदद से अतिक्रमण हटवाकर उसका खर्च भी संबंधित अतिक्रमणकारी से वसूलता।
नौगांव-राजनगर तहसील इलाके में भी अतिक्रमण
एनएचएआइ ने नौगांव तहसील इलाके में 43 अतिक्रमकारियों पर 1 करोड़ 54 लाख 7 हजार का जुर्माना लगाया, जिसमें जीतेन्द्र सिंह चौहान पर सबसे ज्यादा जुर्माना 11 लाख 40 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। वही, बुंदेली रेडियो पर 10 लाख 80 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। जीतेन्द्र सिंह यादव पर 8 लाख 75 हजार, महाराजा होटल रिसोर्ट पर 5 लाख 40 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। इसी तरह राजगनर तहसील इलाके में 38 अतिक्रमण चिंहित कर उनपर 19 लाख 80 हजार 410 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। जिसमें सबसे ज्यादा जुर्माना प्रियंका परिहार पर 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। संजीव नगरिया पर 2 लाख 6 हजार 500, नथुआ पर 1 लाख 10 हजार रुपए, धर्मेन्द्र सिंह पर 1.50 लाख और जीतेन्द्र सिंह चौहान पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया, लेकिन यहां भी अभी तक अतिक्रमण हटाए नहीं गए हैं।
एनएचएआई व प्रशासन के बीच अटका मामला
झांसी-खजुराहो फोरलेन नेशनल हाइवे के प्राविधानों का उल्लंघन करके किए गए अवैध निर्माणों को हटाने या रोकने का मामला एनएचएआई और जिला प्रशासन के बीच पत्राचार तक ही अटका है। इस पत्र में एनएचएआई ने उल्लेख किया है कि छतरपुर जिले में छातीपहाड़ी से बमीठा तक लगभग 85 किमी का फोरलेन निर्मित किया गया है। इस हाइवे को दुर्घटनामुक्त और परिवहन के लिए सुगम बनाने के लिए आवश्यक है कि इसके किनारे अवैध निर्माण न हों। कई स्थानों पर फोरलेन के किनारे लोगों ने व्यवसायिक लाभ लेने के लिए बगैर अनुमति के काम शुरू कर दिया है। जिसे रोका जाना और निर्मित हो चुके निर्माणों को हटाना जरूरी है। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर की मानें तो वे कई बार जिला प्रशासन व पुलिस को पत्र लिखकर इस प्रकरण में कार्रवाई में सहयोग की गुजारिश कर चुके हैं। जिसके तहत राष्ट्रीय राजमार्ग के कानून का पालन कराने और राजमार्ग पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन से एक-चार की गार्ड डेप्यूटेशन पर देने की मांग भी की है। जिसका खर्च ठेकेदार कंपनी के द्वारा वहन करने का हवाला भी दिया गया है। मगर प्रशासन का साथ और पुलिस सुरक्षा न मिल पाने से इसके आगे कार्रवाई नहीं हो सकी है।
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