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यहां से मदद मिलने से 2.67 लाख किसान वैज्ञानिक पद्धति से कर रहे खेती

locationछतरपुरPublished: Jul 22, 2019 12:38:59 am

कृषि विज्ञान केन्द्र ने 1000 किसानों के साथ शुरू की थी योजना

2.67 lakh farmers are cultivating scientific method

2.67 lakh farmers are cultivating scientific method

छतरपुर. जिले के 2 लाख 67 हजार किसान वैज्ञानिक पद्धति से खेती कर रहे है। कृषि विज्ञान केंद्र नौगांव की नवाचार योजना द्वारा मोबाइल पर समसामयिक कृषि तकनीक संदेश देकर किसानों को वैज्ञानिक पद्धति की जानकारी दी जा रही है। कृषि विज्ञान केंद्र ने इस योजना के तहत जिले के किसानों को मोबाइल से जोड़ा है। कृषि वैज्ञानिक एक क्लिक से इन पौने दो लाख किसानों के मोबाइल पर मौसम, फसल, उद्यानिकी फसलों, पशुपालन, मछली पालन, जल संरक्षण आदि से संबंधित संदेश भेजते हैं। वैज्ञानिकों का मैसेज मिलने पर किसान उसी आधार पर अपनी खेती, किसानी का कार्य करते हैं। किसानों के पास यह मैसेज सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को भेजे जा रहे हैं।

2011 में हुई थी शुरुआत
इस संदेश का प्रभाव जिले में देखा भी जा रहा है, क्योंकि संदेश पहुंचते ही किसानों का फोन आना शुरू हो जाता है। इसके बाद कृषक संदेश पढ़कर भेजी गई संबंधित तकनीक को विस्तार से कृषि वैज्ञानिकों से जानकारी प्राप्त करते हैं। यह योजना कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा 19 अगस्त 2011 से शुरू की गई थी, तब सिर्फ 1000 किसानों को संदेश भेजने की शुरूआत की गई थी।
8 साल में यह संख्या बढ़कर 2 लाख 67 हजार तक पहुंच गई है। किसान मोबाइल संदेश योजना के प्रभारी ने बताया कि यह एक नवीन एवं अभिनव कृषक उपयोगी पहल है जो वर्तमान में जिले के प्रत्येक ग्राम तक कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा मोबाइल पर संदेश भेजे जाते हैं।

अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा
कृषि विज्ञान केंद्र ने किसान से सीधा संवाद रखने अथवा किसानों से जुड़े प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, सरपंच, सचिव, सहायक सचिव, कृषक मित्र, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा कार्यकर्ता, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, उद्यान अधिकारी, जिले के आदान विक्रेता को भी जोड़ा है, इनके पास भी किसानों से संबंधित मैसेज पहुंचते हैं।

दूर-दराज के किसानों को हुई आसानी
जिले में अधिकतर किसान दूर दराज निवास करते हैं, फिर चाहे 101 किमी दूर स्थित गौरिहार उप तहसील के 31 गांव हों, 80 किमी दूर बकस्वाहा के 24 गांव या फिर राजनगर क्षेत्र के गांव हो। सभी किसान कृषि विज्ञान केंद्र पर मौसम और फसलों की उन्नत किस्म की जानकारी लेने नहीं पहुंच पाते हैं। जानकारी के अभाव में किसान बीज का सही चयन नहीं कर पाते हैं और न ही यह पता चलता है, कि बोवनी का सही समय कब है। जिससे किसानों को कभी-कभी नुकसान भी उठाना पड़ता है। इसी को देखते हुए कृषि विभाग ने चौपाल में एकत्रित किसानों से उनके मोबाइल नंबर एकत्रित किए। जिले के 2 लाख 67 हजार किसान खेती किसानी का कार्य करते हैं। इन सभी किसानों के नंबर मोबाइल नंबर में डालकर एक क्लिक के जरिए मौसम, फसल, मछली, उद्यानिकी आदि की जानकारी मैसेज के माध्यम से भेजी जा रही है।

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