scriptमहाराजा कॉलेज में कॉलेज लेबल काउंसलिंग में भरी जाएंगी 2000 सीटें | 2000 seats to be filled in clc in Maharaja College | Patrika News

महाराजा कॉलेज में कॉलेज लेबल काउंसलिंग में भरी जाएंगी 2000 सीटें

locationछतरपुरPublished: Sep 21, 2021 06:45:54 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

60 प्रतिशत सीटें 2 चरणों मे भरी,स्नातक तक कक्षाओं में 2542, स्नातकोत्तर में 870 विद्यार्थियों ने लिया प्रवेश24 घंटे के लिए बनेगी मेरिट, फीस जमा नहीं हुई तो अगली मेरिट में मिलेगा मौका

60 प्रतिशत सीटें 2 चरणों मे भरी

60 प्रतिशत सीटें 2 चरणों मे भरी


छतरपुर। कॉलेज में प्रवेश के दो चरण पूरे हो चुके हैं। दो चरणों में जिले के सबसे बड़े कॉलेज महाराजा कॉलेज की 60 फीसदी सीटें भर गई है। वहीं अब तीसरे चरण में कॉलेज लेबल काउंसलिंग के जरिए 2000 सीटें भरी जाएंगी। इस सत्र में प्रवेश के लिए प्रक्रिया के शुरू होते ही अब तक 60 फीसदी सीटें फुल हो चुकी हैं। महाविद्यालय में इस वर्ष स्नातक कक्षाओं में 4580 सीटों और पीजी कक्षाओं में 1580 सीटों पर प्रवेश दिया जाना है। अब तक स्नातक की 2542 और स्नातकोत्तर की 870 सीटें फुल हो चुकी हैं।

प्रवेश प्रक्रिया के प्रभारी प्रो. एचसी नायक ने बताया कि प्रवेश के लिए महाविद्यालय दो चरण पूरे कर चुका है। पहले चरण में यूजी कक्षाओं की 2000 सीटों पर जबकि दूसरे चरण में 542 सीटों सहित कुल 2542 सीटों पर विद्यार्थिया प्रवेश ले चुके हंै अभी भी लगभग 2000 सीटें खाली पड़ी हैं जिसके लिए कॉलेज लेबिल काउंसिल का तीसरा चरण चल रहा है। इसी तरह पीजी कक्षाओं की 1580 सीटों में से 710 सीटें अभी खाली हैं। इन सीटों को भरने के लिए सीएलसी की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय ने इस वर्ष सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्सेस भी शुरू किए हैं जिनमें प्रवेश की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की है कि मेरिट लिस्ट में अपना नाम देखने के बाद तुरंत अपनी फीस जमा कराएं अन्यथा अगले 24 घंटे में नई मेरिट लिस्ट बन जाती है।
नवीन महाविद्यालय को फिर से बापू कॉलेज हुआ नाम
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुल सचिव ने कार्यपरषिद के प्रस्ताव अनुसार नौगांव के नवीन महाविद्यालय का नाम फिर से शासकीय बापू महाविद्यालय करने का आदेश जारी किया है। जिला स्तरीय समिति के प्रस्ताव के अनुसार कॉलेज का नाम परिवर्तन करने का प्रस्ताव विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की 12 वीं बैठक में आया था। जिसके अनुमोदन के बाद कॉलेज का नाम बापू महाविद्यालय किया गया है। गौरतलब है कि कांग्रेस शासन काल में बापू महाविद्यालय का नाम बदलकर नवीन महाविद्यालय कर दिया गया था। जिसे फिर से यथावत किया गया है।
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