हालांकि गनीमत ये है कि ज्यादातर मामले मंद लक्षणों वाले मिल रहे हैं इसलिए फिलहाल अस्पताल खाली है लेकिन यदि संक्रमण की दर इसी तरह बढ़ती रही और इस वायरस ने बुजुर्गों और बीमारों को चपेट में लेना शुरू किया तो मुश्किल बढ़ जाएगी। वायरस के तेजी से फैलने का कारण सिर्फ लोगों की लापरवाही नहीं बल्कि स्वास्थ्य अमले का उदासीन होना भी है। इस लहर के दौरान न तो समय पर मरीजों के संपर्क में आए लोगों की कान्टेक्ट टे्रसिंग कराई जा रही है और न ही मरीजों के घर के बाहर कंटेनमेंट एरिया बनाया जा रहा है। सिर्फ सैंपल लेकर जांच रिपोर्ट देने तक ही स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही चल रही है। यही वजह है कि संक्रमित व्यक्ति दो से तीन दिन के भीतर कई दूसरों लोगों को संक्रमित कर देता है।
पिछली लहर में यहीं लापरवाही पड़ी थी भारी
उल्लेखनीय है कि छतरपुर जिले में पिछली लहर के दौरान भी सीएमएचओ के रूप में डॉ. विजय पथौरिया ही मौजूद थे। पथौरिया इस लहर के दौरान सिर्फ ऑफिस में प्रशासनिक कामकाज, खरीदी, नियुक्तियों में ही दिलचस्पी लेते रहे। इस कारण जिले में पिछली लहर के दौरान सैकडों लोगों की जान चली गई थी। इस वर्ष भी पथौरिया के द्वारा अस्पताल का एक भी भ्रमण नहीं किया गया है। न ही वे लगातार आ रहे मरीजों के संबंध में मैदानी अमले के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। सीएमएचओ कार्यालय से समय मिलने के बाद वे निजी रूप से अपने घर में मरीजों को देखने में दिलचस्पी लेते हैं। यदि कोरोना की रफ्तार और डॉ. पथौरिया की लापरवाही इसी तरह जारी रही तो तीसरी लहर मुसीबत बन सकती है।