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28 नए संक्रमित मिले, स्वस्थ होने पर 4 डिस्चार्ज, अब 185 हुए एक्टिव केस

locationछतरपुरPublished: Jan 12, 2022 07:17:56 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

बुधवार को 431 सैंपल में मिले 28 नए संक्रमितकान्टेक्ट ट्रेसिंग में देरी से बढ़ रहे संक्रमित, दो दिन में आ रही रिपोर्ट

बुधवार को 431 सैंपल में मिले 28 नए संक्रमित

बुधवार को 431 सैंपल में मिले 28 नए संक्रमित

छतरपुर। छतरपुर जिले में कोरोना के मामले रोज तेजी से बढऩे लगे हैं। बुधवार को जिले के 431 सैंपल की रिपोर्ट में 28 नए संक्रमित मिले। वहीं स्वस्थ होने पर होमआइसोलेशन से 4 मरीज डिस्चार्ज भी किए गए हैं। जिले में अब कोविड के एक्टिव केस 185 हो गए हैं। बुधवार को जिले में पॉजिटिव होने की दर 6.49 प्रतिशत रही। नए मरीज छतरपुर जिला अस्पताल, चुरारन राजनगर, खजुराहो, नौगांव, बमीठा, लखेरापुरवा, छत्रसाल नगर छतरपुर, रवई और पिपराकला बड़ामलहरा में मिले हैं।
हालांकि गनीमत ये है कि ज्यादातर मामले मंद लक्षणों वाले मिल रहे हैं इसलिए फिलहाल अस्पताल खाली है लेकिन यदि संक्रमण की दर इसी तरह बढ़ती रही और इस वायरस ने बुजुर्गों और बीमारों को चपेट में लेना शुरू किया तो मुश्किल बढ़ जाएगी। वायरस के तेजी से फैलने का कारण सिर्फ लोगों की लापरवाही नहीं बल्कि स्वास्थ्य अमले का उदासीन होना भी है। इस लहर के दौरान न तो समय पर मरीजों के संपर्क में आए लोगों की कान्टेक्ट टे्रसिंग कराई जा रही है और न ही मरीजों के घर के बाहर कंटेनमेंट एरिया बनाया जा रहा है। सिर्फ सैंपल लेकर जांच रिपोर्ट देने तक ही स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही चल रही है। यही वजह है कि संक्रमित व्यक्ति दो से तीन दिन के भीतर कई दूसरों लोगों को संक्रमित कर देता है।
पिछली लहर में यहीं लापरवाही पड़ी थी भारी
उल्लेखनीय है कि छतरपुर जिले में पिछली लहर के दौरान भी सीएमएचओ के रूप में डॉ. विजय पथौरिया ही मौजूद थे। पथौरिया इस लहर के दौरान सिर्फ ऑफिस में प्रशासनिक कामकाज, खरीदी, नियुक्तियों में ही दिलचस्पी लेते रहे। इस कारण जिले में पिछली लहर के दौरान सैकडों लोगों की जान चली गई थी। इस वर्ष भी पथौरिया के द्वारा अस्पताल का एक भी भ्रमण नहीं किया गया है। न ही वे लगातार आ रहे मरीजों के संबंध में मैदानी अमले के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। सीएमएचओ कार्यालय से समय मिलने के बाद वे निजी रूप से अपने घर में मरीजों को देखने में दिलचस्पी लेते हैं। यदि कोरोना की रफ्तार और डॉ. पथौरिया की लापरवाही इसी तरह जारी रही तो तीसरी लहर मुसीबत बन सकती है।
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