जिले में औसतन प्रतिदिन सिर्फ 40 लोगों के ही टेस्ट किए जा रहे हैं। इस औसत के साथ 6 मामले सामने आ चुके हैं। जाहिर है महामारी हल्के रूप में ही सही अब भी हमारे बीच मौजूद है। इसी महामारी से सुरक्षित रखने के लिए बूस्टर डोज आवश्यक है लेकिन इसको लेकर लोग लापरवाह बने हुए हैं। सरकार ने 15 जुलाई से 30 सितम्बर तक 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों को नि:शुल्क बूस्टर डोज देने का अभियान चला रखा है। इस अभियान के अंतर्गत बीच-बीच में एक साथ महाअभियान के साथ बड़े पैमाने पर टीकाकरण केन्द्र बनाकर भी टीके लगाए जा रहे हैं लेकिन लोग इसके प्रति सजग नहंी है।
इनका कहना है
महामारी से बचाव के लिए बूस्टर डोज लगवाना आवश्यक है। कब यह बीमारी बड़ा रूप ले ले कुछ कहा नहीं जा सकता। इसलिए जिन लोगों ने दूसरा डोज लेने के बाद 26 सप्ताह का वक्त गुजार लिया है वे आवश्यक रूप से अपना बूस्टर डोज लगवा लें।
डॉ. मुकेश प्रजापति, जिला टीकाकरण प्रभारी, छतरपुर
महामारी से बचाव के लिए बूस्टर डोज लगवाना आवश्यक है। कब यह बीमारी बड़ा रूप ले ले कुछ कहा नहीं जा सकता। इसलिए जिन लोगों ने दूसरा डोज लेने के बाद 26 सप्ताह का वक्त गुजार लिया है वे आवश्यक रूप से अपना बूस्टर डोज लगवा लें।
डॉ. मुकेश प्रजापति, जिला टीकाकरण प्रभारी, छतरपुर
फैक्ट फाइल
कुल वैक्सीनेशन- 28 लाख
पहला डोज- 13.58 लाख
दूसरा डोज- 13.02 लाख
तीसरा डोज- 1.41 लाख
बूस्टर टारगेट – 10 लाख
कुल वैक्सीनेशन- 28 लाख
पहला डोज- 13.58 लाख
दूसरा डोज- 13.02 लाख
तीसरा डोज- 1.41 लाख
बूस्टर टारगेट – 10 लाख