सांभर के 7 शिकारियो को तीन साल की कठोर कैद
छतरपुरPublished: Sep 17, 2019 01:33:27 am
एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि 8 नवंबर 12 को रात 12 बजे मुखबिर से एसडीओएफ को सूचना मिली कि इमलहा गांव में कुछ व्यक्तियों ने सांभर का शिकार किया है। सूचना पर एसडीओएफ रेंज ऑफीसर किशनगढ़ स्टाफ वीटगार्ड गंगवाहा, सीलोन, गढ़ीमलहरा, भैरा, गठेवरा, चंद्रनगर के साथ इमलहा पहुंंचे। तालाब के डोडा में कुछ व्यक्ति आते दिखे।
सांभर के 7 शिकारियो को तीन साल की कठोर कैद
छतरपुर . एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि 8 नवंबर 12 को रात 12 बजे मुखबिर से एसडीओएफ को सूचना मिली कि इमलहा गांव में कुछ व्यक्तियों ने सांभर का शिकार किया है। सूचना पर एसडीओएफ रेंज ऑफीसर किशनगढ़ स्टाफ वीटगार्ड गंगवाहा, सीलोन, गढ़ीमलहरा, भैरा, गठेवरा, चंद्रनगर के साथ इमलहा पहुंंचे। तालाब के डोडा में कुछ व्यक्ति आते दिखे। वन विभाग की टीम ने घेरा बंदी कर उन्हें पकड़ लिया और डोडा में बैठे अन्य लोग दिखे, उनमें से दो को मौके पर पकड़ा और अन्य अंधेरा का फायदा उठाकर भाग गए। पकड़े गए व्यक्तियों के कब्जे से सांभर का मांस मिला। वन विभाग की टीम ने मौके पर पकड़े और भाग व्यक्ति सरूप रैकवार, गोरेलाल रैकवार, रम्मू रैकवार, भवानीदीन रैकवार, राकेश रैकवार, गनेशी रैकवार, जगदीश रैकवार, कुट्टू रैकवार और बिटू रैकवार निवासीगण इमलहा के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। सीजेएम कोर्ट ने 8 मार्च 17 को मामले के आरोपी सरूप को फरार घोषित कर स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया जो अभी भी फरार है। अभियोजन की ओर से एडीपीओ अमितमणि त्रिपाठी ने पैरवी कर सबूत कोर्ट में पेश किए। सीजेएम एमडी रजक की अदालत ने मामले फरार आरोपी सरुप को छोड़कर शेष सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की धारा 51 में तीन-तीन साल की कठोर कैद के साथ दस.दस हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई।