अभी जिले की पूरी आबादी को पहला डोज लगाने पर फोकस किया जा रहा है। एक सप्ताह में लक्ष्य पूरा हो जाने पर अक्टूबर से पूरी तरह से सेकंड डोज पर फोकस किया जाएगा। अभी तक जिले में 2 लाख लोगों ने दोनों डोज लगवा लिए हैं। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार प्रजापति का कहना है कि अक्टूबर से सेकंड डोज की संख्या लगातार बढ़ेगी। उन्होंने लोगो ंसे अपील करते हुए कहा है कि वैक्सीन के पहले डोज से 35 प्रतिशत तक सुरक्षा मिलती है, दोनों डोज लगवाने से 75 से 80 फीसदी तक सुरक्षा हासिल होती है। इसलिए सभी को दोनों डोज लगवाने चाहिए।
जिले में अब तक कुल 12 लाख 10 हजार टीके लगाए गए हैं, जिसमें से 60 फीसदी टीके 18 से 44 साल के युवाओं ने लगवाए हैं। वहीं, 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों की हिस्सेदारी 25 फीसदी रही है। जबकि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की सहभागिता 15 फीसदी रही है। सेंकड डोज लगवाने में भी युवा उत्साह दिखा रहे हैं। जबकि बुजुर्ग दूसरा डोज लगवाने में कतरा रहे हैं। जिले में अभी भी सेंकड डोज करीब 50 हजार ड्यू हैं।
जिले की पूरी आबादी को पहला डोज लगाने के साथ ही सेंकड डोज के ड्यू को कम करने के लिए लोगों को मैसेज पर संदेश देने के साथ ही फोन पर भी सूचना दी जा रही है। वैक्सीन सेशन सेंटरों पर उपलब्ध टीको की संख्या अनुसार लोगों को स्वास्थ विभाग की टीम फोन कर संबंधित सेंटर पर जाकर टीका लगवाने की सूचना दे रहे हैं।
जिले में सबसे ज्यादा कोविशील्ड वैक्सीन के डोज लगाए गए हैं। जिनकी संख्या 10.84 लाख है, जबकि कोवैक्सीन 1.25 लाख लोगों ने लगवाया है। पहले डोज में ज्यादातर लोगों को बांह में दर्द के अलावा बुखार की शिकायत भी आ रही है। जिससे लोग दूसरा डोज लगवाने में झिझक रहे हैं। जबकि सेंकड डोज में बहुत कम लोगों को बुखार आ रहा है। सेंकड डोज लगवाने वाली गीता सिंह ने बताया कि दूसरे डोज के बाद परेशानी पहले की अपेक्षा कम हुई है। नीतू ने बताया कि सेंकड डोज लगवाना पहले से भी आसान लगा। दूसरे डोज में परेशानी नहीं हुई।
पहला डोज- 12.17 लाख
दूसरा डोज- 1.99 लाख
18 प्लस आयु- 7.29 लाख
44 प्लस आयु- 2.97 लाख
60 प्लस आयु- 1.89 लाख