scriptजिले में रबी फसल की 92 फीसदी बोबनी हुई, गेहूं का रकवा घटा | 92 percent of rabi crop was sown, wheat acreage decreased | Patrika News

जिले में रबी फसल की 92 फीसदी बोबनी हुई, गेहूं का रकवा घटा

locationछतरपुरPublished: Dec 08, 2021 04:30:29 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

कम पानी वाली जौ, अलसी, सरसों और मसूर का क्षेत्रफल दो गुना हुआइधर मांग की आधी खाद ही अब तक मिली, डीएपी के बाद यूरिया की समस्या

 कम पानी वाली जौ, अलसी, सरसों और मसूर का क्षेत्रफल दो गुना हुआ

कम पानी वाली जौ, अलसी, सरसों और मसूर का क्षेत्रफल दो गुना हुआ


छतरपुर। जिले में रबी सीजन की 92 फीसदी बोबनी पूरी हो गई है। इस बार बारिश की कमी के चलते कम पानी की तिलहन फसलों का रकवा दोगुना बढ़ा है, जबकि गेहूं का रकबा 60 हजार हेक्टेयर घट गया है। वर्तमान सीजन में अह तक 2 लाख 10 हजार हेक्टेयर में गेहूं बोया गया है, जबकि पिछले साल 3 लाख हेेक्टेयर में गेहूं की बोबनी हुई थी। हालांकि कृषि जोत का कुल रकवा पिछले साल के टारगेट को पार कर गया है, वहीं 20 दिसंबर तक चलने वाली सीजन की बोबनी में कुछ और रकवा बढऩे की संभावना है। इधर, बोबनी के लिए परेशान रहे किसान अब यूरिया के लिए परेशान है, जिले में कुल मांग की आधी खाद ही उपलब्ध हो पाई है।
इस बार इतना है फसलों का रकवा
इसबार जौ की खेती का रकवा भी बढ़ा है। इस बार 15 हजार 500 हेक्टेयर में जौ बोई गई है। जबकि पिछली बार 8 हजार 550 हेक्टेयर में जौ लगाई गई थी। इस बार राई-सरसों 54 हजार 245 हेक्टेयर में बोई गई है, जो पिछली बार 24 हजार हेक्टेयर में बोई गई थी। अलसी इस रबी सीजन में 5 हजार 200 हेक्टेयर में बोई गई है, जबकि पिछले साल इस फसल का रक वा 2 हजार हेक्टेयर था। मसूर में भी बढोत्तरी हुई है, पिछली बार 3 हजार 760 हेक्टेयर में बोई गई है, जो इस साल 5 हजार 300 हेक्टेयर था। चना की बोबनी में भी 30 हजार हेक्टेयर की बढोत्तरी हुई है, जबकि मटर का रकवा इस बार भी पिछले साल जितना है।
4 लाख 26 हजार हेक्टेयर में हुई बोबनी
रबी सीजन की जारी बोबनी में अब तक 4 लाख 26 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोबनी की गई है। इस साल 20 दिसंबर तक जिले में 4 लाख 72 हजार हेक्टेयर में बोबनी का लक्ष्य रखा गया है। पिछले साल 4 लाख 71 हजार हेक्टेयर में बोबनी हुई थी। इस बार दलहन फसलें 1 लाख 40 हेक्टेयर में बोई गई है। जो पिछले साल 1 लाख 13 हजार हेक्टेयर में बोई गई थी। तिलहन की फसल अब तक 59 हजार हेक्टेयर में बोई गई है, जो पिछले साल मात्र 26 हजार हेक्टेयर में बोई गई थी।
ये है जिले में अब खाद की स्थिति
जिले में 41001 मीट्रिक टन यूरिया की मांग है, जिसके एवज में अभी तक 23416 मीट्रिक टन यूरिया अब तक बांटी गई है, वहीं 3292 मीट्रिक टन यूरिया जिले में स्टॉक बचा है। इसी तरह डीएपी की 35 हजार मीट्रिक टन आवश्यकता है, जबकि अब तक 14461 मीट्रिक टन डीएपी बांटी गई है, पूरे जिले में अब केवल 885 मीट्रिक टन डीएपी ही बचा है। जिले में खाद की कुल मांग 78152 मीट्रिक टन है। जिसमें से अब तक 46990 मीट्रिक टन खाद बांटी गई है।
फैक्ट फाइल
मात्रा हेक्टेयर में
अब तक बोबनी- 4 लाख 72 हजार
गेहूं- 2 लाख 10 हजार
जौ- 15 हजार 500
सरसों- 54 हजार 245
अलसी- 5 हजार 200
मसूर- 5 हजार 300

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