दरअसल सागर-जबलपुर ईओडब्ल्यू की दो टीमें सोमवार को छतरपुर आई। जिसमें से एक टीम ने कार्रवाई के संबंध में कोर्ट में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, वहीं दूसरी टीम ने विभिन्न विभागों से संपर्क संपत्ति की जानकारी जुटाई है।
ईओडब्ल्यू की टीम ने आरटीओ से वाहनों की डिटेल, पंजीयन ऑफिस से 33 संपत्तियों की रजिस्ट्री और खनिज विभाग से क्रेशर के संबंध में जानकारी एकत्र की है। इसके साथ ही लोकनिर्माण विभाग को दो छतरपुर और बारीगढ़ के मकानों की जानकारी देकर उनका मूल्यांकन कराने की औपचारिक कार्रवाई की है।
ईओडब्ल्यू एसपी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि कार्रवाई के बाद कोर्ट में प्रस्तुत किए जाने वाला प्रतिवेदन पेश किया गया है। वहीं, कार्रवाई में मिली संपत्तियों के बारे में संबंधित विभाग से संपर्क कर डिटेल मांगी गई है। कार्रवाई में मिले दस्तावेजों के अलावा भी रजिस्ट्रार ऑफिस, आरटीओ , खनिज विभाग से प्राण सिंह व उनके परिजनों के नाम की संपत्ति, लीज, वाहनों की जानकारी भी मांगी गई है।
कैसे काम करती है ईओडब्ल्यू (Eow) ?
दरअसल आर्थिक अपराध शाखा आर्थिक अपराधों की जांच करती है। ये ज्यादातर बैंक, कंपनी, सरकारी योजनाओं, मल्टी लेवल मार्केटिंग, निवेश और गृहनिर्माण से जुड़े घोटालों की जांच करती है। आर्थिक अपराध से जुड़ी जांच में अगर पुलिस स्टेशनों में तैनात जांच अधिकारी को किसी तरह की परेशानी हो रही है तो वे संयुक्त पुलिस आयुक्त (ईओडब्ल्यू) की मदद ले सकते हैं। जो मामले से जुड़े दस्तावेज देखने और दूसरी जानकारियां लेने के बाद जांच के दिशानिर्देश दे सकते हैं।