दोनों स्टैंड के साथ ही दोनों के बीच में दर्जनों हाथ ठेला दुकानदारों ने स्थाई कब्जा किया हुआ है। यह सुबह से आकर दुकान लगाते हैं और शाम को वहीं पर ठेला को छोड़ चले जाते हैं। बस चालक सुरेंश, परमलाल आदि ने बताया कि उन्हें बसों को व्यवस्थित लगाने के लिए परेशानी होती है। बताया कि हाथ ठेला वाले कहने के बाद भी ठेला नहीं हटाने हैं और अगर ठेला में थोड़ा थे बस टख् हो जाए तो विवाद के लिए तैयार हो जाते हैं। बताया के यहां पर करीब ५० से अधिक लोगों ने कब्जा जमाया हुआ है। वहीं पक्की दुकानों वाले भी कई फीट आगे तक सामान फैलाए रहते हैं।
बस स्टैंड में जैसे ही कोई बस पहुंचती है, तो तत्काल ऑटो चालक बस स्टैंड के मुख्य मार्ग पर वाहन को खड़ा कर देते हैं। इसके साथ ही बसों को चारों ओर से घेरकर ऑटो चालक सवारियों को जबरन खींचकर अपने आटो में बैठाने के चक्कर में यात्रियों का निकलना मुश्किल कर देते हैं। कई बार तो बस के चारों ओर आटो खड़े कर दिए जाने से यात्री बस से उतरने के लिए वाहन की खिड़की तक नहीं खोल पाते हैं। बाहर से आने वाले यात्रियों के साथ यह समस्या लगातार बनी रहने के बावजूद बस स्टैंड नंबर एक पर डयूटी करने वाले यातायात पुलिस के जवान कुछ नहीं करते हैं।