छतरपुर जिले के प्रभारी केके गौतम ने बताया कि हरपालपुर इलाके के बुनकरों की छत्रसाल बुनकर समिति से जुड़े 12 परिवारों को संत रविदास हस्थ शिल्प एवं हथ करघा विकास निगम ग्वालियर ने धागे उपलब्ध कराए, जिन्हें बुनकरों ने अपनी कला से चादर में तब्दील कर दिया। जिसे हथकरघा विकास निगम ने खरीदा और बुनकरों को खाते में रुपए का भुगतान किया। कोरोना संकटकाल में बुनकरों को काम मिला तो नए बुनकर भी काम से जुडऩे लगे हैं। निगम द्वारा 10 नए बुनकरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर चादर का निर्माण कर सकें।
बुनकर संघ के अध्यक्ष मुरलीधर अनुरागी ने बताया कि निगम द्वारा बुनकरों को धागा उपलब्ध कराया जा रहा है। जिससे हम चादर बनाते हैं। जिन्हें हर महीने निगम के अधिकारी खरीदते हैं और हमे मजदूरी और बोनस दिया जाता है। निगम द्वारा हर महीने की पांच तारीख को ऑनलाइन पेमेंट किया जा रहा है। फिलहाल इतना काम मिल रहा है कि, एक बुनकर रोजाना 250 से 300 रुपए कमा लेता है।
उपसंचालक सुधीर व्यास ने बताया कि प्रबंध संचालक राजीव शर्मा के निर्देश पर बुनकरों के कार्ड बनाए जा रहे हैं ताकि उन्हें पहचान मिले और इस कार्ड के जरिए बुनकरों को देश में लगने वाली प्रर्दशनियों में अपने उत्पाद रखने का नि:शुल्क अवसर मिल सके। प्रभारी उपसंचालक पीएल कोरी ने बताया कि बुनकरों को प्रदर्शनी में निशुल्क दुकान दिलाई जाएगी,ताकि वे अपने उत्पाद की मार्केटिंग व बिक्री कर सकें। इससे बुनकरों को रोजगार व प्रोत्साहन मिलेगा।
मध्यप्रदेश हस्त शिल्प एवं हथ करघा विकास योजना के अंतगर्त एकीकृत क्लस्टर विकास योजना के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का हरपालपुर में आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष कैलाश अनुरागी द्वारा दीप प्रज्ववलित कर किया गया। जिसमें आधा सैकड़ा बुनकर शामिल हुए। केके गौतम ने बुनकरों संबोधित करते हुए कहा कि तैयार माल के लिए बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा। नई डिजाइन के साथ तकनीकी मार्गदर्शन दिया जाएगा। कार्यक्रम में छत्रसाल बुनकर समिति के अध्यक्ष मुरलीधर अनुरागी, नगर पंचायत के प्रभारी सीएमओ शिवराम साहू, सुरेंद्र सिंह राजावत, राजू तिवारी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।