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निरीक्षण के बाद फर्श तो चमका, लेकिन नहीं चमके मरीजों के चेहरे

locationछतरपुरPublished: Oct 11, 2019 12:14:30 am

Submitted by:

Unnat Pachauri

– कोनें और दीवार अभी पीक और गंदगी से पटे, परिसर में ही फिक रहा कचरा- आईसीयू वार्ड में हर दिन हो रही एक मौत

निरीक्षण के बाद फर्श तो चमका, लेकिन नहीं चमके मरीजों के चेहरे,निरीक्षण के बाद फर्श तो चमका, लेकिन नहीं चमके मरीजों के चेहरे

निरीक्षण के बाद फर्श तो चमका, लेकिन नहीं चमके मरीजों के चेहरे,निरीक्षण के बाद फर्श तो चमका, लेकिन नहीं चमके मरीजों के चेहरे

छतरपुर। जिला अस्पताल में लचर स्वास्थ्य सेवाओं और अव्यवस्थाओं की भरमार होने के चलते बीती दिनों कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ और उनके बाद विधायक द्वारा औचक निरीक्षण किया था और अस्पताल में गंदगी, सही दलाज न होना सहित कई अव्यवस्थाओं को देख प्रबंधन और स्टाफ को खासी फटाकार लगाई थी और सुधार लाने के लिए सख्त हिदायत दी थी। लेकिन उसके बाद भी यहां पर कोई खास सुधार नहीं दिख रहा है। अधिकारियों और विधायक के निरीक्षण के बाद जिला अस्पताल में के नए भवन का फर्श तो चमक गया लेकिन मरीजों के चेहरे नहीं चमके और न ही नए भवन के कोने और पुराने में कोई सुधार किया गया। हालात है कि अस्पताल के कई स्थानों में गंदगी के बीच मरीज और उनके परिजनों भोजन करने को मजबूर हैं। जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की शिकायतों को देखते हुए पिछले गुरुवार को दोपहर कलेक्टर मोहित बुंदस अपने अमले के साथ अचानक जिला अस्पताल पहुंचे थे। जहां पर ड्यूटी पर एक भी डॉक्टर नहीं मिले थे। केवल एमरजेंसी में ही एक महिला डॉक्टर मिली थी। इस दौरान उन्होंने सिविल सर्जन डॉ. आरएस त्रिपाठी को गायब डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित करने, 15 दिन के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगवाने और व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए थे। इसके बाद जिला पंचायत सीईओ ने दो बाद और फिर विधायक ने भी जिला अस्पतात पहुंचकर मुआयना किया था और हिदायत भी दी थी। जिसके बाद भी व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं आया है। हालाकि इसके बाद नए भवन के फर्स में साफ सफाई की जा रही है। बाकी वही पुराना ढर्रा चल रहा है।
मरीजों के चेहरे में नहीं आई चमक
अधिकारियों और प्रतिनिधियों के निरीक्षण के बाद मरीजों को कोइ्र राहत नहीं मिली है। मरीज अभी भी सही इलाज के लिए मोहताज हैं। वहीं जिला अस्पताल द्वारा व्यवस्था को सही करने के नाम पर मरीजों को परेशान किया जा रहा है। यहां के प्रबंधन द्वारा पहले और दूसरी मंजिल के वार्डों से मरीजों को तीसरे और चौथी मंजिल में शिफ्ट किया गया। इसके बाद फिर बुधवार को फिर से सर्जिकल वार्डों के मरीजों को दूसरे वार्डों में शिफ्ट किया गया है। जिससे मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पडा तो वहीं स्टाफ को भी मरीजों और उनके परिजनों की खरी खोटी बातों का सामना करना पडा। यहां पर भर्ती मरीजों के परिजन सुदामा कुशवाहा, नीतेंद्र असाटी, भावना, करन आदिवासी आदि ने बताया कि पहले उन्हें उपरी मंजिल में भेजा गया। फिर एक से दूसरे और दूसरे से तीसरे कमरे में भेजा जा रहा है। जिससे काफी दिक्कतें होती है।
परिसर में की फैका जा रहा कचरा
जिला अस्पताल में प्रबंधन और स्टाफ को सख्त हिदायत देने के बाद भी स्टाफ द्वारा मनमानी की जा रही है। वार्डों में एकत्र हुआ कचरे को स्टाफ द्वारा वार्ड के आसपास की फैका जा रहा है। जिससे मरीजों और अटेंडरों को उसकरी दुर्गध से खासी परेशानी हो रही है। बुधवार को वर्न वार्ड से कचरा लेकर आई एक महिला कर्मी से आधी सीडिय़ा उतरकर इलेक्ट्रोनिक स्टोर के ऊपर कचरा फैक दिया।
गंदगी के बीच बैठने को मजबूर हैं प्रसूता
जिला अस्पताल में प्रसूता वार्ड, प्रशव उपरांत वार्ड, प्रशव कक्ष में भारी मात्रा में गंदगी फैली हुई हैै। जहां पर गंदगी के बीच इलाज कराने को मजबूर हैं। यहां पर भर्ती महिला कीर्ति, भमानी आदि ने बताया यहां पर २४ घंटे दुर्गंध आती रहती है जिससे उन्हें दिक्कतें होती है। लेकिन मजबूरन उन्हें ऐसे में इलाज कराना पड़ रहा है।
अव्यस्थित आईसीयू वार्ड में ६ दिन में पांच मौत
आईसीयू जिसे एक गहन चिकित्सा इकाई या गहन उपचार इकाई या क्रिटिकल केयर यूनिट के रूप में भी जाना जाता है, एक अस्पताल या स्वास्थ्य देखभाल सुविधा का एक विशेष विभाग है जो गहन उपचार चिकित्सा प्रदान करता है। लेकिन जिला आस्पताल के आईसीयू वार्ड में कोई सूविधा नहीं हैं जिससे आए दिन मौतें हो रही हैं। बीते गुरूवार को कलेक्टर के निर्देश के बाद शुक्रवार को आईसीयू वार्ड के मरीजों को नए भवन के आधे अधूरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। लेकिन प्रबंधन द्वारा इस गहन चिकित्सा वार्ड में मूलभूत व्यस्थाएं नहीं की गई। जिससे मरीजों को दिक्कतें हो रही हैं। यहां पर एसी, आक्शीजन, वेंटीलेटर आदि नहीं है। जिससे शिफ्ट होने से अभी तक करीब पांच मरीजों की मौत हो चुकी हैं। यहां पर भर्ती रहे मरीज के परिजन अरुण त्रिपाठी ने बताया कि वह काफी दिनों तक उन्होंने अपने भर्ती रखा था। लेकिन यहां पर वार्ड में जो मूलभूत सुविधाऐं होती हैं वह भी नहीं हैं जिससे मरीजों को परेशानी होती है।
रात में नहीं खुलते शौचालय
अस्पताल के नए भवन के ग्राउंड प्लोर इमजेंसी है जहां पर दिन और रात में बडी संख्या में मरीज और अटेंडर आते हैं। लेकिन यहां पर बने महिला और पुरुष शौचालय में ताला लगा दिया जाता है। जिससे लोगों को अस्पताल परिसर में शौच कर रहे हैं।
इनका कहना है
हमारी ओर से नए भवन में जल्द से जल्द सभी व्यवस्थाऐं करने की कोशिश है। वहीं पुराने भवन में भी सभी को साफ सफाई आदि के लिए निर्देेश दिए हैं। अगर कोई भी अपने कार्य के प्रति लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
डॉ. आरएस त्रिपाठी, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
निरीक्षण के बाद फर्श तो चमका, लेकिन नहीं चमके मरीजों के चेहरे
IMAGE CREDIT: UNNAT PACHAURI

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