जिले में 360 मिडिल स्कूलों की मान्यता वर्ष 31 मार्च 2020 को समाप्त हो गई हैं। मान्यता नवीनीकरण के लिए सभी स्कूलों द्वारा आरटीई के नियमों के तहत एम शिक्षा मित्र ऐप के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया गया था। जिसकी जांच बीआरसी द्वारा करने के बाद फाइल डीइओ कार्यालय पहुंची थी। जहां महीने भर से अधिक फाइलें पड़ी रहने के बाद डीइओ ने करीब 323 स्कूलों को ऑफलाइन नोटिस जारी कर दिए गए। 10 मई के बाद जारी हुए इन नोटिस में डीईओ द्वारा बिना निरीक्षण के ही सभी स्कूलों की कमियों का उल्लेख नोटिस में कर दिया गया। ऐन वक्त पर एक साथ जारी हुए 323 नोटिस के बाद स्कूल संचालकों में आक्रोश बना हुआ हैं।
नौवीं से बारहवीं को एक्सटेंशन, हमें किया जा रहा परेशान
डीइओ के नोटिस के विरोध में निजी स्कूल संचालक एक होते जा रहे हैं। इधर, निजी स्कूलों के संगठन द्वारा मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की है। जिसमें उल्लेख किया गया है कि प्रदेश में कोविड-19 के चलते समस्त हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों की मान्यता को एक साल की एक्सटेंशन दी गई हैं। जिनमें मान्यता के लिए शुल्क भी लगता हैं। जबकि मिडिल स्कूलों के लिए इस तरह नोटिस देकर परेशान किया जा रहा हैं। वर्षों से संचालित स्कूलों को भी कमियां गिनाकर उन्हें प्रताडि़त करने का काम किया जा रहा हैं। जिससे स्कूल संचालक परेशान हैं। स्कूल संचालकों ने मांग की है कि हाई और हायर सेकंडरी की तरह मिडिल स्कूलों को भी तीन साल का एक्सटेंशन दिया जाए।
सांसद को सौंपा ज्ञापन, मिला आश्वासन
मान्यता को लेकर चल रहे घमासान के बीच अशासकीय शाला समन्वयक महासंघ द्वारा खजुराहो सांसद व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को एक ज्ञापन सौंपकर प्रदेश के सभी मिडिल स्कूलों की मान्यता को भी बढ़ाने की मांग उठाई हैं। संगठन के सह सचिव रजनीश सोनी ने बताया कि ज्ञापन के बाद आश्वासन मिला है कि जल्द ही इसके भी आदेश जारी किए जाएंगे। इस संबंध में सांसद वीडी शर्मा का कहना है कि संगठनों की मांग जायज है। इसे लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा की गई है। जल्द ही मांग पर निर्णय आ सकता है।
वर्जन
बीआरसी के माध्यम से जो भी आवेदन आए थे, उनमें कमियां होने पर नोटिस जारी किए गए थे। कमी संबंधी दस्तावेज स्कूल प्रबंधन प्रस्तुत कर सकते हैं।
एसके शर्मा, डीइओ छतरपुर