एक शिफ्ट में 5400 विद्यार्थियों के बैठने की जगह
यूनिवर्सिटी में मौजूदा अधोसंरचनात्मक संसाधनों की बात करें तो कक्षाओं और फर्नीचर के अनुपात में विद्यार्थियों की संख्या काफी अधिक हो चुकी है। विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक यहां दो शिफ्टों में कक्षाएं संचालित हो रही हैं। एक शिफ्ट में अधिकतम 5400 विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था मौजूद रहती है। दोनों शिफ्टों में लगभग 10 हजार विद्यार्थी बैठ सकते हैं लेकिन विश्वविद्यालय में अब 17 हजार से ज्यादा विद्यार्थी हो जाएंगे।
यूनिवर्सिटी में मौजूदा अधोसंरचनात्मक संसाधनों की बात करें तो कक्षाओं और फर्नीचर के अनुपात में विद्यार्थियों की संख्या काफी अधिक हो चुकी है। विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक यहां दो शिफ्टों में कक्षाएं संचालित हो रही हैं। एक शिफ्ट में अधिकतम 5400 विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था मौजूद रहती है। दोनों शिफ्टों में लगभग 10 हजार विद्यार्थी बैठ सकते हैं लेकिन विश्वविद्यालय में अब 17 हजार से ज्यादा विद्यार्थी हो जाएंगे।
मंत्री के ऐलान के बाद भी नहीं हुआ सुविधाओं का विस्तार
लगभग तीन माह पहले मप्र के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन सिंह यादव ने छतरपुर प्रवास के दौरान ऐलान किया था कि यूनिवर्सिटी में जल्द ही लगभग 4 करोड़ रूपए की लागत से कक्षाओं का निर्माण कराया जाएगा लेकिन यह निर्माण अभी तक शुरू नहीं हो सका। महाराजा कॉलेज को विश्वविद्यालय का तमगा दे दिया गया है लेकिन यहां विश्वविद्यालय के स्तर की सुविधाएं नहीं बढ़ाई जा रही हैं।
लगभग तीन माह पहले मप्र के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन सिंह यादव ने छतरपुर प्रवास के दौरान ऐलान किया था कि यूनिवर्सिटी में जल्द ही लगभग 4 करोड़ रूपए की लागत से कक्षाओं का निर्माण कराया जाएगा लेकिन यह निर्माण अभी तक शुरू नहीं हो सका। महाराजा कॉलेज को विश्वविद्यालय का तमगा दे दिया गया है लेकिन यहां विश्वविद्यालय के स्तर की सुविधाएं नहीं बढ़ाई जा रही हैं।
इनका कहना है
विश्वविद्यालय में इस वर्ष स्नातक प्रथम वर्ष में 3635 और स्नातकोत्तर में 1380 सीटों पर प्रवेश लिए जाएंगे। सुविधाओं का विस्तार एवं कक्षाओं के निर्माण की प्रक्रिया भी चल रही है।
डॉ. जेपी मिश्रा, रजिस्ट्रार, यूनिवर्सिटी छतरपुर
विश्वविद्यालय में इस वर्ष स्नातक प्रथम वर्ष में 3635 और स्नातकोत्तर में 1380 सीटों पर प्रवेश लिए जाएंगे। सुविधाओं का विस्तार एवं कक्षाओं के निर्माण की प्रक्रिया भी चल रही है।
डॉ. जेपी मिश्रा, रजिस्ट्रार, यूनिवर्सिटी छतरपुर
फोटो- सीएचपी180522-72