छतरपुर

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर आज खिलाई जाएगी एलवेंडाजोल की गोली

– राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर मीडिया एडवोकेशी में दी जानकारी

छतरपुरAug 07, 2019 / 07:35 pm

Unnat Pachauri

Alvendazole tablet will be fed today for National Worm Liberation Day

छतरपुर। जिले में बच्चों को कुपोषण से मुक्त बनाने और रक्त की कमी की समस्या को दूर करने के लिए ८ अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। इसी को लेकर बुधवार को सीएमएचओ कार्यालय सभागार में मीडिया कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें जिला कार्यक्रम प्रबंधक राजेंद्र खरे ने बताया कि जिले में 8 लाख ३२ हजार ७३५ बच्चों को कृमि नियत्रंण की दवाई (एलवेंडाजोल) खिलाए जाने का लक्ष्य है। जिसमें 1 साल से 19 साल तक के सभी बच्चों को स्कूल व आंगनवाड़ी के माध्यम एलवेंडाजोल खिलाई जाएगी। इसके बाद 13 अगस्त को मॉपअप दिवस मनाया जाएगा। जिसमें छूटे हुए बच्चों को एलवेंडाजोल दवा खिलाई जाएगी। वहीं डीएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध ने बताया कि ऑगनवाड़ी में 1 से 2 साल तक के बच्चों को आधी चूरा करके खिलानी है। 3 साल से 19 साल तक के बच्चों को एक मीठी गोली चबाकर खिलाई जाएगी और जो आस पास शाला त्यागी बच्चे जो न स्कूल जा रहे है न ऑगनवाड़ी उन्हें भी अवश्य यह दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सहायिकाओं को प्रशिक्षित किया गया है।
8 अगस्त को मनाया जाएगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस
प्रदेश के साथ साथ छतरपुर में ८ अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। इस दिन सभी सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों, छात्रावास, आंनवाडी में पढऩे वाले 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए शिक्षकों, व स्वास्थ्य कार्यकताओं को प्रशिक्षित किया गया है। जिनकी निगरानी में स्कूलों में दोपहर के भोजन के बाद बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाई जाएगी। इस दवा के सेवन से वंचित रहने वाले बच्चों १२ अगस्त को मापअप दिवस के रूप में मनाते हुए सभी छूटे हुए बच्चों को चिंहित कर उन्हें विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाकर दवा खिलाई जाएगी।
दवा का सेवन कराते समय बरतनी होगी सावधानी
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के दिन बच्चों को दवा खिलाते समय कुछ सावधानी भी बरतनी होगी। जैसे कि अगर किसी बच्चों की कोई गंभीर बीमारी का इलाज चल रहा है और वह नियमित रूप से दवा का खा रहा है, कोई भी बच्चा बीमार है तो उसे यह दवा नहीं खिलाई जाएगी। दवा नुकसान नहीं करेगी, लेकिन सावधानी के तहत ऐसे बच्चों को दवा नहीं दी जाएगी। १ से २ वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली का चूरा बनाकर खिलाया जाना है। २ से ३ वर्ष तक के बच्चों को पूरी गोली चूरा कर खिलाया जाना है और ३ से १९ वर्ष के बच्चों को एक गोली चबाकर खिलाई जाएगी।
घबराएं नहीं
दवा खिलाते समय यह ध्यान रखें बच्चे दवा का चबाकर खाएं, जिन बच्चों के पेट में कीडों की अधिकता होगी, उनके द्वारा दवा का सेवन करने पर यह मामूली लक्षण सामने आएगें, जिससे घबराने की जरूरत नहीं है। जैसे दवा खाने के बाद जी मचलना, पेट में हल्का दर्द, उल्टी, दस्त और थकान महसूस होना। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। पेट में कीड़ा होने के कारण यह प्रतिकूल प्रभाव दिखाई देगा। इस दौरान बच्चों को आराम की सलाह दें और उसे लेट जाने को कहें। 10 मिनट में समस्या स्वयं ही दूर हो जागी। अगर फिर भी आराम नहीं मिल रहा है तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जा सकते हैं।
कृमि संक्रमण के लक्षण
– कृमि संक्रमण पनपने से बच्चे कुपोषित हो जाते है।
– बच्चों के शरीर में खून की कमी हो जाती है।
– बच्चे हमेशा थकान महसूस करते हैं
– बच्चों का शारीरिक, मानसिक विकास भी बाधित हो जाता है।
– बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता की भी कमी हो जाती है।
कृमि संक्रमण से बचाव के उपाय
– नाखून साफ और छोटे रखें
– हमेश साफ और स्वच्छ पानी ही पीऐं
– खाने को ढक कर रखें
– साफ पानी में अच्छे से फल व सब्जियां धोएं
– अपने हाथ साबुन से धोए विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने कके बाद
– घरों के आसपास साफ. सफाई रखें
– खुले में शौच न करें हमेशा शौचालय का प्रयोग करें
तीन प्रकार के होते हैं कृमि
१- हुक कृमि २- व्हिप कृमि ३- राउंड कृमि

फाइल फैक्ट
कुल बच्चे की संख्या- ८३२७३५
निजी स्कूल में बच्चों की संख्या- १५८७८२
आंगनवाडी में (1-5 वर्ष)- २१२४४६
स्कूल न जाने वाले बच्चे- १४७३७२
सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में- ३१४१२७

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