जिला न्यायालय की थी रोक
जिला न्यायालय के आदेश के बाद मेला ग्राउंड में ट्रेड फेयर लगाने पर रोक लगाई गई थी। नगरपालिका ने वर्ष 2019 से ही मेला ग्राउंड में निजी मेले के आयोजन की अनुमति बंद कर दी थी। वहीं, वर्ष 2020 में अबतक मेला ग्राउंड में किसी भी मेला के आयोजन की अनुमति नहीं दी गई, लेकिन अब नगरपालिका प्रशासन ने 20-20 दिन के लिए एक नहीं बल्कि तीन-तीन ट्रेड फेयर लगाने की अनुमति दे दी है।
जिला न्यायालय के आदेश के बाद मेला ग्राउंड में ट्रेड फेयर लगाने पर रोक लगाई गई थी। नगरपालिका ने वर्ष 2019 से ही मेला ग्राउंड में निजी मेले के आयोजन की अनुमति बंद कर दी थी। वहीं, वर्ष 2020 में अबतक मेला ग्राउंड में किसी भी मेला के आयोजन की अनुमति नहीं दी गई, लेकिन अब नगरपालिका प्रशासन ने 20-20 दिन के लिए एक नहीं बल्कि तीन-तीन ट्रेड फेयर लगाने की अनुमति दे दी है।
प्रदर्शनी के नाम पर मेला
प्रशासन ने निजी ट्रेड फेयर को प्रदर्शनी के नाम पर अनुमति दे दी है, जबकि पिछले वर्षो में शहर के मेला ग्राउंड में लगाए गए ट्रेड फेयर की तरह ही दिसंबर और जनवरी में ट्रेड फेयर लगाने की तैयारी है। कोविड गाइड लाइन के तहत मेला लगाने की अनुमति नहीं फिलहाल नहीं दी जा सकती है, ऐसे में ट्रेड फेयर की अनुमति देने पर अधिकारियों पर आरोप भी लग रहे हैं।
प्रशासन ने निजी ट्रेड फेयर को प्रदर्शनी के नाम पर अनुमति दे दी है, जबकि पिछले वर्षो में शहर के मेला ग्राउंड में लगाए गए ट्रेड फेयर की तरह ही दिसंबर और जनवरी में ट्रेड फेयर लगाने की तैयारी है। कोविड गाइड लाइन के तहत मेला लगाने की अनुमति नहीं फिलहाल नहीं दी जा सकती है, ऐसे में ट्रेड फेयर की अनुमति देने पर अधिकारियों पर आरोप भी लग रहे हैं।
5 दिसंबर से मेला की तैयारी
नगरपालिका प्रशासन ने 5 दिंसबर से 24 दिसंबर तक के लिए पहले मेले की अनुमति दी है। जिसके लिए गुरुवार को मेला आयोजक दो ट्रक में मेले का सामान लेकर मेला ग्राउंड पहुंच भी गए हैं। जिस कोविड-19 संक्रमण के चलते नवंबर माह में शहर के प्रमुख जलविहार मेला का आयोजन नहीं किया गया, अब उसी संक्रमण के दौर में निजी मेले की अनुमति देने से कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा खड़ा हो गया है।
नगरपालिका प्रशासन ने 5 दिंसबर से 24 दिसंबर तक के लिए पहले मेले की अनुमति दी है। जिसके लिए गुरुवार को मेला आयोजक दो ट्रक में मेले का सामान लेकर मेला ग्राउंड पहुंच भी गए हैं। जिस कोविड-19 संक्रमण के चलते नवंबर माह में शहर के प्रमुख जलविहार मेला का आयोजन नहीं किया गया, अब उसी संक्रमण के दौर में निजी मेले की अनुमति देने से कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा खड़ा हो गया है।