कलेक्टर ने कहा कि उन्होंने कहा कि अल्प वर्षा के मद्देनजर उपलब्ध जल के आधार पर ऐसी कार्य योजना बनाये जिससे समाज के लोगों को पेयजल उपलब्ध हो सके। पेयजल स्त्रोत की ऐसी कार्य योजना न बनाये जो ड्राय रहे, ऐसी योजना का कार्य पूर्ण नहीं माना जाएगा और यह पाये जाने पर जांच की जाएगी। बक्स्वाहा क्षेत्र में जिन स्त्रोत से जल आपूर्ति होगी, उनका दोबारा परीक्षण करें। जिससे किसी प्रकार व्यवधान न हो और सितम्बर 2023 तक घरों में नल कनेक्शन से जल आपूर्ति हो सके। जल निगम द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा पीएचई विभाग करें। वर्तमान में किए जा चुके कार्यों के साथ-साथ भविष्य में होने वाले कार्यों की सूची भी उपलब्ध कराते हुए हर हप्ते किए जा रहे कार्यों की प्रगति से भी अवगत कराए।
कलेक्टर ने साफ शब्दों में कहा कि जल मिशन के निर्माणाधीन कार्यों की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। जहां-जहां कार्य चल रहे है वहां जरुरत के अनुसार जल उपलब्धता का आंकलन करें। लोगों को स्वच्छ पानी मिले। क्षेत्रीय वसाहट की कोई भी बस्ती और वहां संचालित होने वाले शासकीय कार्यालय, चिकित्सालय, शाला, आंगनबाड़ी जल आपूर्ति से वंचित न रहे इसे ध्यान रखकर ही कार्य योजना तैयार करें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कार्य योजना तैयार करने के पूर्व वसाहट के जो क्षेत्र छूट गये उन क्षेत्रों में ग्राम सभा आयोजित करते हुए लोगों से चर्चा करें और उस आधार पर छूटे ग्रामों को कार्ययोजना में सम्मलित करें। आम लोगों से की गई चर्चा में जो जानकारी प्राप्त हो उसे पीएचई विभाग के एसडीओ स्तर के अधिकारी परीक्षण करें। जिस वक्त पाइप लाइन डाली जाए, उस समय सूक्ष्म रूप से मॉनीटिरिंग करें। पाइप लाइन व्यवस्थित रुप में डाले जिससे भविष्य में टूट फू ट की संभावना कम हो।