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स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर ले रहे मनमानी फीस, सामान्य उपचार में ही लोगों का निकल रहा पसीना

locationछतरपुरPublished: Aug 14, 2022 06:42:26 pm

Submitted by:

Unnat Pachauri

सीजर से डिलेवरी होने पर न्यूनतम खर्च 50 हजार से अधिक, सामान्य में 20 से २५ हजार

स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर ले रहे मनमानी फीस, सामान्य उपचार में ही लोगों का निकल रहा पसीना

स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर ले रहे मनमानी फीस, सामान्य उपचार में ही लोगों का निकल रहा पसीना

छतरपुर. छतरपुर में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आसपास के जिलों के साथ यूपी के लोगों भी आ रहे हैं। जिसका लाभ उठाते हुए अस्पताल संचालकों द्वारा आसपास के जिले में डेढ से दो गुनी फीस ली जा रही है इसके बाद दवाओं का भारी भरकम पर्चा मरीजों को थमाया जा रहा है। हालात हैं कि टीमकगढ, पन्ना में १८ से २५ हजार रुपए में सीजर से डिलेवरी कराई जा रही है उसमें भी ५ दिन ठहरने के लिए रुम भी मिल रहा है। लेकिन छतरपुर में सामान्य तौर पर ३३ हजार से लेकर ६०-७० हजार रुपए वसूले जा रहे हैं। वहीं दवाओं का खर्चा अलग से ले रहे हैं। ऐसे में लोगों को पसीना निकल रहा है।
छतरपुर में पन्ना, टीकमगढ सहित महोबा के लोगों स्वास्थ्य सेवाएं लेने के लिए आ रहे हैं। इन जिलों रेफर होकने के बाद छतरपुर आते हैं। वहीं छतरपुर में एक दर्जन से अधिक निजी अस्पताल हैं जहां पर महिला की सामान्य और सीजर से डिलेवरी कराई जा रही है। इनमें सुविधाएं देने के नाम पर मनमानी फीस ली जा रही है। शाहर के सागर रोड में, सटई रोड में, पन्ना रोड में महोबा रोड सहित शहर में अस्पतालों में सुविधाओं के नाम पर ग्रामीण और शहरी लोगों मनमानी फीस ली जा रही है। हाल में यहां पर ३० हजार से लेकर ६५ हजार रुपए तक सीजर से डिलेवरी कराने के लिए लिए जा रहे हैं। वहीं सामान्य डिलेवरी में भी २० से ३० हजार रुपए लिए जा रहे हैं। इसके साथ ही हजारों रुपए की दवाऐं अलग से थमाई जाती है।
यहां के अस्पतालों के हालात हैं कि मरीज के पहुंचते ही जांच के नाम पर डॉक्टर की फीस, इसके बाद डिलेवरी के लिए पहले से जाचें जिसकी करीब २-३ हजार रुपए फीस, डिलेवरी के बाद वहां के स्टाफ के लिए हजारों रुपए इनाम जरूरी है, बच्चे का चैकप करने वाले डॉक्टर की फीस १५ सौ से २ हजार, दूसरे दिन से मरहम पट्टी, दवाओं का पर्चा आदि का हजारों का बिल, ५ दिना बाद छुट्टी के दौरान फिर से स्टाफ द्वारा इनाम की मांग, आखिर में महीने भर की दवाई व मरहम पट्टी का बिल हजारों का थमाया जाता है। वहीं सीजर के अलावा इतने सारे खचे के बाद मरीज के परिजनों की हालत खराब हो रही है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति को सीजर से डिलेवरी कराने पर ५० हजार से ज्यादा का खर्चा पड़ रहा है।
नहीं चस्पा की रेट सूची
स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी निजी अस्पतालों को अपने यहांपर मिलने वाली सुविधाओं और इलाज की रेट सूची चस्पा कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन इसके बाद भी शहर में किसी भी अस्पताल में रेट की सूची चस्पा नहीं है।
जिला अस्पताल में कराए इलाज
सीएमएचओ डॉ. लखन तिवारी ने बताया कि निजी अस्पतालों में सुविधाओं के हिसाब से चार्ज लिया जाता है, इसके लिए अस्पताल में रेट सूचि होना चाहिए। अगर एसा नहीं हैं तो कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों अपील करते हुए कहा कि जिला अस्पतान में बेहतर डॉक्टरों द्वारा इलाज किसया जा रहा है। ऐसे में लोग मरीज का इलाज जिला अस्पताल में कराएं और कहीं कमी होने पर सिविल सर्जन या उसने शिकायत करें।

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