पति से अलग होने के बाद ब्लैकमेलर बनी आरती, शहर के 10 नामचीन लोगों को हनी ट्रैप में फंसाया
छतरपुरPublished: Sep 19, 2019 07:44:47 pm
छतरपुर के देरी रोड की रहने वाली है इंदौर में हनी ट्रेप की आरोपी आरती दयाल आठ माह पहले छतरपुर के सिविल लाइन थाना में पति के खिलाफ दर्ज कराया था दहेज प्रताडऩा का केस
Aarti Dayal accused of Honey Trap
छतरपुर। अफसरों और नेताओं को हनी ट्रेप में फंसाकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह की सदस्य आरती दयाल छतरपुर के वार्ड नंबर 37 देरी रोड की निवासी है। आरती ने आठ माह पहले अपने पति पंकज दयाल के खिलाफ छतरपुर के सिविल लाइन थाना में दहेज प्रताडऩा का केस दर्ज कराया था। केस दर्ज कराने के बाद से ही आरती ने अपने पति का साथ छोड़ दिया और हनी ट्रेप में फंसाकर लोगों को ब्लैकमेलिंग का धंधा शुरु कर दिया। शहर में नामचीन लोगों को शिकार बनाने के बाद वो भोपाल चली गई, जहां उसकी पहचान बड़े ब्लैकमेलर गिरोह के लोगों से हुई और वो ब्लैकमेलिंग के काले कारोबार में पूरी तरह से उतर गई। ये गिरोह रुपए वाले लोगों को टारगेट कर अपनी साजिश का शिकार बनाते और करोड़ों रुपए ऐठता था। एटीएस की टीम ने जब उसे पकड़ा तो छतरपुर आरटीओ में दर्ज कार से ही वसूली करने गई थी।
शहर के 10 लोग फंस चुके हैं हनी ट्रेप में :
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरती दयाल छतरपुर शहर के 10 नामचीन लोगों को अपना शिकार बना चुकी है। ये दस लोग बड़े बिजनेसमैन और नेता है। आरती ने पहले उनसे संपर्क बनाया और हनी ट्रेप में फंसाने के बाद वीडियो वायरल करने की धमकी देकर इन लोगों से तगड़ी रकम वसूली। अपने नाम और रुतबा को बचाने के लिए इन लोगों ने आरती की मांगे पूरी की और उससे पीछा छुड़ाया। इसके बाद आरती भोपाल शिफ्ट हो गई, जहां ब्लैकमेलर गैंग के संपर्क में आकर बड़ी-बड़ी वारदातों को अंजाम देने लगी। आरती के पकड़े जाने के बाद से शहर के वे लोग,जो उसका शिकार बन चुके हैं, उनको अपने नाम का खुलासा होने का डर सताने लगा है। एटीएस आरती से अब तक ब्लैकमेल किए गए लोगों के बारे में पूछताछ कर रही है, जिसके बाद छतरपुर में शिकार हुए लोगों के नाम सामने आने की संभावना है।
गिरोह के खुलासे के बाद से शहर में फैली रही सनसनी :
इंदौर-भोपाल में हनी ट्रैप के मामले का खुलासा होने के बाद शहर में दिनभर सनसनी फैली रही। गिरोह के शिकार बने शहर के करीब एक दर्जन राजनेता और उद्योगपति, व्यापारी व रियलस्टेट कारोबार से जुड़े लोगों के नाम उजागर होने के बाद यहां कयासों का दौर चलता रहा है। शहर के कुछ व्यापारी भोपाल-इंदौर से लड़कियां बुलाकर स्थानीय होटलों में उनके लिए कमरा बुक कराते थे। इनमें से ही कुछ लोगों के वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैक मेल किया गया था। गिरोह के चंगुल में फंसकर कई व्यापारी और नेता इन्हें लाखों रुपए देकर खुद को बचा चुके है।