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कागजों में दो कॉलेजों की मान्यता लेकर चार साल से बांट रहे बीएड की डिग्रियां

locationछतरपुरPublished: Mar 08, 2021 08:38:03 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

तालाब के भराव क्षेत्र की जमीन पर मान्यता लेकर कागजों में चल रहे दो कॉलेजशिकायत के बाद विश्वविद्यालय ने कराई जांच, शासन को भेजी रिपोर्ट

तालाब के भराव क्षेत्र की जमीन पर मान्यता लेकर कागजों में चल रहे दो कॉलेज

तालाब के भराव क्षेत्र की जमीन पर मान्यता लेकर कागजों में चल रहे दो कॉलेज

छतरपुर। बरकौहा गांव में दो कॉलेजों की मान्यता लेकर बिना भवन चार साल से बीएड की डिग्रियां बांटी जा रही हैं। कॉलजों को तालाब के जलभराव क्षेत्र की जमीन पर मान्यता दी गई है, जहां 3 मार्च वर्ष 2016 से मान्यता लेकर बिना भवन ही कॉलेज संचालित किया जा रहा है। इन कॉलेजों से छात्रों को 4 साल से डिग्रियां और छात्रवृत्ति बांटी जा रही है। इस मामले की शिकायत हुई तो महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने तीन सदस्यीय कमेटी से जांच कराई। कमेटी ने एक महीने पहले दी रिपोर्ट में बताया कि एनआरएस कॉलेज का भवन बनाया जा रहा है। कमेटी की रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।
ये है पूरा मामला
छतरपुर तहसील के गांव बरकौहा में में खसरा नंबर 1564/1 संभव प्रयास समिति द्वारा प्रणय दीक्षित, 1564 /2 में शिवम शांति शिक्षा प्रसार समिति द्वारा अभय सिंह भदोरिया, 1564/3 कल्पसूत्र राष्ट्रीय संस्थान समिति द्वारा नर्मदा प्रसाद तिवारी और 1564/4 प्रयास समाज कल्याण समिति द्वारा संजीव नगरिया रजिस्टर्ड हैं। शिवम शांति शिक्षा प्रसार समिति द्वारा संचालित एनआरएस कॉलेज को एनसीटीई द्वारा 3 मार्च 2016 को गांव बरकौहा जिला छतरपुर के प्लॉट नंबर -1564 में मान्यता मिली। इसी दिन 3 मार्च 2016 को प्रार्थना समाज कल्याण समिति को भी श्री राम एजुकेशन कॉलेज के लिए एक ही भूखंड पर मान्यता मिली। जबकि मौके पर कोई भवन नहीं है। जमीन भी तालाब के जलभराव क्षेत्र की है।
ऑडिट पर उठ रहे सवाल
रिकॉर्ड में हेराफेरी कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर यह कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं और छात्रों को डिग्री और स्कॉलरशिप इन्ही कॉलेजों से जारी हो रही है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि प्रति वर्ष विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेजों का निरीक्षण कर ऑडिट किया जाता है, ऐसे में निरीक्षण दल ने 1564 खसरा नंबर पर बिना भवन के कॉलेज संचालन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? इन कॉलेजों का ऑडिट फर्जी तरीके से कैसे हो रहा था।
सरपंच-पटवारी बाले भवन नहीं था
बरकौहा पंचायत के सरपंच रामचरण यादव का कहना है कि हमें कोई भी जानकारी नहीं है । न ही हमें ऐसी जानकारी है कि हमारी पंचायत में कॉलेज बने हैं और न पंचायत ने कॉलेजों की एनओसी जारी की गई है। वहीं पटवारी परमवीर राय का कहना है कि समितियों के नाम वाले खसरा नंबर की जमीन तालाब का जलभराव क्षेत्र है। मौके पर कोई कॉलेज भवन नहीं था, अभी एक निर्माण किया जा रहा है।
कुलसचिव बोले- शासन को भेजी रिपोर्ट
महाराजा छात्रसाल विश्वविद्यालय के कुलसचिव पुष्पेंद्र पटेरिया का कहना है कि इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी। टीकमगढ़ के प्राचार्य, परीक्षा नियंत्रक और एक अन्य प्रोफेसर की कमेटी ने एक महीने पहले ही रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। शासन के निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कॉलेज संचालक बोले- ऊपर करा रहे नया निर्माण
कॉलेज का भवन पहले से बना हुआ है। नीचे के पोर्शन में क्लासें लग रही हैं। उपर के फ्लोर में नया कन्ट्रक्शन कराया जा रहा है। बिना भवन के डिग्रियां बांटने का आरोप निराधार है।
अभय सिंह भदौरिया, कॉलेज संचालक
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