सूखे बुंदेलखंड में पानी के संकट को देखते हुए वर्ष 2002 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी के समय महत्वाकांक्षी केन-बेतवा लिक परियोजना की रूपरेखा तैयार की गई थी। अगस्त 2005 में उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश सरकार के बीच पहला समझौता हुआ। इसमें केन नदी को ढोढन बांध से लगभग 221 किलोमीटर लंबी केन-बेतवा लिक नहर के जरिए झांसी के बरुआ सागर के पास बेतवा नदी में जोड़ा जाना है। तभी से यह परियोजना फाइलों में ही अटकी हुई है। मौजूदा केंद्र सरकार ने इसे गति देने का काम किया है। इसी वर्ष 10 मार्च को केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद एमपी और यूपी सरकार के बीच सहमति बनी थी। इसके बाद 22 अप्रेल को एमपी-यूपी की सरकारों व केंद्र सरकार ने इस परियोजना के त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। तभी से यह संभावना प्रबल हो गई कि जल्द ही इसमें तेजी आएगी।
केन बेतवा लिक परियोजना में चार बांध बनाए जाएंगे। छतरपुर में केन नदी पर 2613.19 करोड़ की लागत से दोधन बांध बनेगा, जो 77 मीटर ऊंचा और 19633 वर्ग किमी जलग्रहण क्षमता वाला होगा। दोधन बांध में 2584 एमसीएम पानी का भंडारण हो सकेगा। इस बांध पर 341.55 करोड़ की लागत से दो बिजलीघर बनाए जाएंगे, जिनसे 36 मेगावॉट बिजली का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा मप्र के रायसेन और विदिशा में बेतवा नदी पर तीन और बांध बनाए जाएंगे।
फैक्ट फाइल
लागत- 35111 करोड़ रुपए
यूपी में सिचाई- 2.27 लाख हेक्टेयर
एमपी में सिचाई- 4.47 लाख हेक्टेयर
बेतवा से एमपी में सिचाई- 2.06 लाख हेक्टेयर
एमपी-यूपी की सिंचित भूमि- 635661 हेक्टेयर भूमि
परियोजना में आ रहीं सारी बाधाएं दूर हो गई हैं। सर्वे पूरा हो गया है। अब तेजी से कार्य शुरू हो सकेगा। परियोजना पूरी होने के बाद बुंदेलखंड के किसानों को भरपूर पानी मिल सकेगा।
अजय कौशिक, एक्सईएन, केन नहर प्रखंड, उत्तरप्रदेश