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चंदला क्षेत्र में रेत को लेकर भाजपा में असंतोष और कांग्रेस में बाहरी प्रत्याशी होंगे चुनौती

locationछतरपुरPublished: Sep 06, 2018 11:58:11 am

Submitted by:

Neeraj soni

चंदला और बड़ामलहरा विधानसभा रिपोर्ट :

Chhatarpur

Chhatarpur

रफी अहमद सिद्दीकी/अनूप भड़ैरिया
छतरपुर। अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित चंदला विधानसभा क्षेत्र में इस बार भाजपा के लिए राह आसान नहीं है। रेत के वैध और अवैध उत्खनन के कारोबार से लेकर अपराध और भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर जनता में पनपा असंतोष दूर करना इस चुनाव में भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगा। वहीं कांग्रेस के लिए गुटबाजी और अंतकर्लह से जूझना आसान नहीं होगा। भाजपा में जहां आधा दर्जन लोग इस सीट से दावेदारी कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस में दो दर्जन नाम उभरकर सामने आए हैं। किसी एक को टिकट मिलने की स्थिति में यहां बगावत की स्थिति बनेगी। चंदला विधानसभा से वर्तमान भाजपा विधायक आरडी प्रजापति खुद ही टिकट मांग रहे हंैं। लेकिन उनके विवादित कार्यकाल को देखते हुए भाजपा इस बार यहां कोई जोखिम उठाने के मूड में नहीं है। इसलिए उनके विकल्प के रूप में विधायक के बेटे जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश प्रजापति भी दावेदारी करने लगे हैं। वहीं कांग्रेस से राजू प्रजापति, लखन अनुरागी, हरप्रसाद अनुरागी, तुलसा अहिरवार, कामता बंसल, शिवरतन अनुरागी, चंद्रप्रकाश बंशकार सहित 2७ लोग दावेदारी कर रहे हैं।
ऐसा है इनका परफार्मेंस :
आरडी प्रजापति, विधायक :
1. विवादित बोल और रेत के कारोबार को लेकर लगातार विवाद होते रहे।
२. अपनी ही सरकार के खिलाफ खुलकर बोलते रहे।
३. टैंकर सप्लाई और सोलर एलइडी घोटाले के आरोप लगे।
हरप्रसाद अनुरागी, कांग्रेस:
1. चुनाव हारने के बाद क्षेत्र से दूरी बनाए रहे।
2. जनता के बीच चुनाव के ठीक पहले पहुंचे।
3. क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहने से जनाधार कम होता रहा।
चुनौतियां :
भाजपा – रेत उत्खनन को लेकर पनपे असंतोष को रोकना, विधायक को लेकर हुई गुटबाजी, भ्रष्टाचार और अपराध से निपटना।
कांग्रेस – मजबूत प्रत्याशी मैदान में उतारना, भाजपा विरोधी माहौल को अपने पक्ष में करना।
१९९३ के उपचुनाव से ही कांग्रेस हार रही है। जनाधार खिसक रहा है। लोकल निवासी को नहीं देने पर चुनौती बढ़ेगी।
चंदला विधानसभा क्षेत्र दावेदार :
भाजपा :
आरडी प्रजापति : वर्तमान विधायक, पिछला चुनाव सबसे ज्यादा मतों के अंतर से जीता था, स्थानीय प्रत्याशी।
राजेश प्रजापति : जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक पुत्र।
दिलीप अहिरवार : भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा प्रदेश महामंत्री, युवा चेहरा, तीन साल से क्षेत्र में सक्रिय।
अध्यक्ष अनित्या सिंह, चंदला नगर पंचायत की अध्यक्ष, महिला चेहरा।
कांग्रेस :
राजू प्रजापति : संगठन मे मजबूत पकड़, जमीनी नेता, पांच साल से क्षेत्र में सक्रिय।
लखन अनुरागी: पांच साल से क्षेत्र में सक्रिय, विधायक के भ्रष्टाचार का खुलासा किया, स्थानीय।
हरप्रसाद अनुरागी : संगठन में पकड़, स्थानीय।
तुलसा अहिरवार : पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष, महिला चेहरा।
बसपा : पुष्पेंद्र अहिरवार, सत्येंद्र अहिरवार, दीनदयाल अहिरवार : युवा चेहरा
हार-जीत का अंतर :
आरडी प्रजापति, भाजपा – 65,959
हरप्रसाद अनुरागी, कांग्रेस – 28,562
हार-जीत का अंतर – 37,397
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विकास, पिछड़ापन और उदासीनता बनेगी बड़ी चुनौती
छतरपुर। जिले के बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को अपने ही विधायक की निष्क्रियता और उदासीनता की चुनौती से जूझना पड़ेगा। विकास कार्य नहीं होने का असंतोष भी इस बार के चुनाव में मुद्दा बनाकर कांग्रेस इस सीट पर सेंध लगाने की कोशिश करेगी। वहीं कांग्रेस के लिए अपनी बिखरी ताकत को एकजुट करके उसे समेटने की बड़ी चुनौती है। ऐसे में दोनेां ही दलों की राह यहां आसान नहीं होगी। भाजपा और कांग्रेस इस सीट पर मजबूत प्रत्याशी की तलाश में है। इस बीच भाजपा से वर्तमान विधायक रेखा यादव फिर से टिकट के लिए दावेदारी कर रही है। पिछला चुनाव हारे तिलक सिंह लोधी, मंजूला देवडिय़ा इस बार भी टिकट मांग रहे हैं। इस क्षेत्र में जलसंकट, नीलगाय, पलायन और बेरोजगारी भी बड़ा मुद्दा है। भाजपा पर आरोप है कि उन्होंने इस दिशा में काम नहीं किया। भाजपा विधायक जनता के बीच नहीं पहुंची। कांग्रेस इन्हीं मुद्दों को लेकर चुनावी विसात बिछा रही है। भाजपा को इससे निपटने के लिए मजबूत प्रत्याशी और असंतोष कम करने की दिशा में रणनीति बनानी पड़ रही है।
ऐसा है परफॉर्मेंस :
रेखा यादव, विधायक
1. दो बार की विधायक रहीं लेकिन जनता के बीच दूर रहीं। उदासीन छवि, चुनाव के समय ही सक्रियता।
2. बक्स्वाहा के जलसंकट को दूर करने के लिए प्रयास किया।
3. बक्स्वाहा मेंं डिग्री कॉलेज भवन मंजूर करवाया।
तिलक लोधी :
1. चुनाव हारने के बाद जनता के बीच नहीं गए। लोगों से दूरी बनाए रहे।
2. केवल लोधी वोटरों के बीच ही पकड़ बनाए रहे।
3. संगठन स्तर पर भी सक्रिय नहीं रहे।
चुनौतियां :
भाजपा : विधायक की निष्क्रियता, विकास कार्य की कमी से पनपे असंतोष को कम करना।
कांग्रेस : टिकट को लेकर पनपने वाली गुटबाजी को कम करना, भाजपा विरोधी लहर को अपने पक्ष में करना।
बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र के दावेदार :
भाजपा :
रेखा यादव : दो बार की विधायक, महिला छवि, उमाभारती की करीबी।
सुनील घुवारा : भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक, पूर्व विधायक कपूरचंद घुवारा के बेटे, पांच साल से सक्रिय, संगठन में मजबूत पकड़। जैन समाज को चेहरा।
मनोज यादव : युवा चेहरा, संगठन में पकड़।
सुनील मिश्रा : पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष, संगठन में पकड़।
राजनारायण तिवारी : किसान नेता।
कांग्रेस :
तिलक सिंह लोधी : लोधी समाज में पकड़, कांग्रेस का पिछड़ा नेता का चेहरा।
मंजूला देवडिय़ा : संगठन में मजबूत पकड़, महिला चेहरा, कांग्रेसी परिवार से ताल्लुक।
भक्ति तिवारी : संगठन में मजबूत पकड़, ब्राह्मण चेहरा, धार्मिक छवि।
आनंद सिंह : प्रभावशाली युवा नेता का चेहरा।
हरिकृष्ण द्विवेदी : समाजसेवी की छवि, पांच सालों से सक्रिय, स्थानीय निवासी, कांग्रेस नेताओं से करीबी।
धनप्रसाद असाटी : वरिष्ठ कांग्रेस नेता, सत्यव्रत चतुर्वेदी के करीबी, व्यवसायी।
प्रद्युम्म सिंह लोधी दमोह : लोधी समाज का चेहरा, कांग्रेस नेताओं से करीबी।
आमआदमी पार्टी : जगदीश सिंह घोष, प्रत्याशी घोषित
हारजीत का अंतर :
रेखा यादव, भाजपा – 41779
तिलक सिंह लोधी, कांग्रेस – 40265
हारजीत का अंतर – 1]514

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