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खजुराहो मंदिर के मोनोमेंट अटेंडर के साथ मारपीट, मंदिर में जाने से रोका

locationछतरपुरPublished: Dec 23, 2018 01:20:38 am

Submitted by:

Neeraj soni

पुरातत्व विभाग के अधीन वाले मंदिर पर कब्जे को लेकर बनने लगी विवाद की स्थिति, खजुराहो के जैन मंदिरों के बाहर जूते उतारने को लेकर भी शुरू हुआ विवाद

Chanting with the Monument Attendor of the Khajuraho temple, prevented from going to the temple

Chanting with the Monument Attendor of the Khajuraho temple, prevented from going to the temple

छतरपुर/खजुराहो. खजुराहो में पुरातत्व विभाग के अधीन वाले पूर्वी मंदिर समूह मे शामिल जैन मंदिर पर कब्जे को लेकर विवाद की स्थिति बनने लगी है। पुरातत्व विभाग के नियमों को दरकिनार करते हुए यहां पर पूजा-अर्चना शुरू कर दिए जाने और पुरातात्विक धरोहर से छेड़छाड़ किए जाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि गुरुवार की शाम मंदिर में ड्यूटी करने वाले मोनुमेंट अटैंडेंट मोहन गौतम के साथ कुछ लोगों ने मारपीट कर दी। इस घटना के बाद सभी गाइड और अटैंडर जब एकजुट हुए तो शुक्रवार शाम पुरातत्व विभाग के सीए एसके सिंह ने एसपी को पत्र लिखकर इस मामले की शिकायत की है।
यह विवाद निपट पाता, इससे पहले जैन मंदिर परिसर में जूते उतारने को लेकर विवाद की स्थिति सामने आ गई। इस विवाद में भारतीय पुरातत्व विभाग, गाइड एसोसिएशन तथा श्री दिगंबर अतिशय क्षेत्र जैन मंदिर प्रबंध समिति आमने-सामने आ गए हैं। सभी पक्षों ने खजुराहो थाना में शिकायत दर्ज कराई है।
दरअसल, खजुराहो के जैन मंदिर परिसर में इसी वर्ष जैन संत आचार्यश्री विद्यासागर महाराज का मुनिसंघ सहित चातुर्मास कार्यक्रम सम्पन्न हुआ है। इस अवसर पर आचार्यश्री द्वारा सहस्त्रकूट जिनालय का निर्माण शुरू करवाकरइसी स्थल को स्वणो्रदय तीर्थ का नया नाम भी दिया गया है। इस बड़े कार्यक्रम के दौरान मंदिर परिसर के बाहर जूते चप्पल उतारने की व्यवस्था की गई थी। साथ ही चमड़े का बेल्ट, पर्स आदि भी अंदर ले जाना प्रतिबंधित था। लेकिन कार्यक्रम खत्म होने और आचार्यश्री के यहां से विहार कर जाने के बाद भी मंदिर में यही व्यवस्था रखी जा रही है। इसी को लेकर विवाद सामने आ गया है। आए दिन यहां विवाद की स्थितियां बनने लगी हैं। वहीं पुरातत्व विभाग के अधीन मंदिर में पूजा शुरू हो जाने, बिजली जलाए जाने और मंदिर के अंदर निर्माण कार्य कराए जाने के कारण भी पुरातत्व विभाग और जैन समाज आमने-सामने आ गया है। यह विवाद लगातार बढ़ रहा है, लेकिन पुरातत्व विभाग और प्रशासन मामला शांत करने में रुचि नहीं ले रहे हैं। आगे जाकर यह विवाद बड़ा रूप भी ले सकता है।
समिति का तर्क: खजुराहो जैन मंदिर प्रबंध समिति का तर्क है कि आचार्यश्री के रहने के दौरान ये स्थल अब सिद्ध क्षेत्र हो गया है और भगवान आदिनाथ तथा पाश्र्वनाथ के मंदिर आस्था, भक्ति, पूजा, आराधना के प्रतीक स्थल हंै। इसलिए हमारी धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखकर जूते, चप्पल उतारने चाहिए।
यह है पुरातत्व विभाग और गाइडों का तर्क
पुरातत्व विभाग के एसीए जीके शर्मा और गाइडों का तर्क है कि खजुराहो के पूर्वी मंदिर समूह में जैन मंदिरों के अलावा भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित स्मारकों तक प्रदत्त अधिकारों के तहत भारत सरकार से मान्यता प्राप्त गाइड जूते पहनकर जाते रहे हैं। परन्तु जैन मंदिर प्रबंध समिति अब चाहती है कि गाइड मंदिर परिसर से पहले जूते उतारकर जाएं। जबकि गाइड जहां जहां जूते उतारने के पट लगे है वहां हमेशा ही नियमों का पालन करते हुए जूते उतारते रहे हैं। लेकिन समिति द्वारा शासन की व्यवस्थाओं के विपरीत जाकर अब निजी तौर पर नए नियम बनाकर व्यवधान उत्पन्न किए जा रहे हैं जिसका खुले रूप में हम सभी गाइड विरोध करते हैं। ये सब असुविधाजनक है। गर्मियों के दिनों में 48 डिग्री तापमान में भला कोई भी मंदिर में नंगे पैर अवलोकन नहीं कर सकता है। साथ ही भारतीय पुरातत्व विभाग मंदिर किसी भी धार्मिक सामाजिक मान्यताओं के विपरीत होकर संरक्षण के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग के नियम कानून के अधीन होते हैं।
जूते-चप्पल पहनकर जाने को लेकर हो रहे विवाद
खजुराहो के स्मारकों वाले परिसर में पर्यटकों को जूता-चप्पल पहनकर जाने पर रोक नहीं है। चातुर्मास कार्यक्रम के पहले जैन मंदिर परिसर में भी पर्यटक सामान्य रूप से जाते थे। लेकिन आचार्यश्री के चातुर्मास के दौरान यहां पर जूता पहनकर जाने पर रोक लगाई गई थी। आचार्यश्री के चले जाने के बाद जब स्थानीय गाइड विदेशी पर्यटकों के साथ स्मारकों का भ्रमण कराने जैन मंदिर परिसर में पूर्व की भांति जूते चप्पल पहनकर परिसर में जाने की जिद पर अड़ गए तो जैन मंदिर प्रबन्ध समिति के लोगों द्वारा गाइडों तथा देशी-विदेशी पर्यटकों को जूते तथा चप्पलें उतारकर ही अंदर प्रवेश करने को कहा गया। साथ ही बताया गया कि परिसर में कारपेट भी बिछाया गया है जिससे आपको नंगे पैर चलने में कोई परेशानी नहीं होगी। इसी को लेकर यहां रोज विवाद की स्थिति बन रही है। यह विवाद सुलझ पाता इससे पहले ही 20 दिसंबर को दोपहर 1.30 बजे जब फ्रेंच गाइड विनोद कुमार सेन फ्रांस के पर्यटकों को लेकर जैन मंदिर का अवलोकन कराने जूते पहनकर जाने का प्रयास करने लगे तो वहीं पास बैठे प्रबंध समिति के लोगों से उनकी झूमा झपटी हो गई। विवाद ज्यादा बढ़ा तो दोनों पक्षों द्वारा थाना खजुराहो में लिखित शिकायत दर्ज करा दी गई। इसी विवाद को लेकर गाइड एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा भी शिकायत थाने में दी गई।
मोनुमेंट अटैंडेंट के साथ भी मारपीट
इसी तरह का एक और मामला सामने आया था। जिसमें विगत दिवस की शाम लगभग 5 बजे जैन मंदिर परिसर में तैनात भारतीय पुरातत्व विभाग के सुरक्षा कर्मी मोहनलाल गौतम के साथ भी मारपीट हो गई। मोहनलाल पहले की तरह परिसर में बाइक लेकर अंदर जाते थे, लेकिन उनको भी बाइक अंदर ले जाने पर प्रबंध समिति के लोगों ने रोक लगा दी। इससे उनका विवाद हो गया। गौतम को उनकी बाइक सहित परिसर से बलपूर्वक बाहर कर दिया गया। इस मामले में भी भारतीय पुरातत्व विभाग के सीए एसके सिंह ने एक लिखित शिकायत थाना खजुराहो में दी है। जिसमें कहा गया है कि उनके विभाग द्वारा संरक्षित जैन मंदिर स्मारकों की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों को ड्यूटी से रोका जा रहा है।
केवल जूता पहनकर जाने से रोका गया है
-मंदिर को लेकर कोई विवाद नहीं है। पहले भी जूता पहनकर जाने पर रोक थी। हमने लोगों की सुविधा के लिए कारपेट भी डलवा दिया है। लेकिन इसके बाद भी जूता पहनकर जाने और बाइक लेकर अंदर तक आने के लिए कुछ लोग अड़ रहे हैं। जबकि आचार्यश्री के आने के बाद से यह स्थल और भी ज्यादा जाग्रत हो गया है। लोगों को हमारी धार्मिक भावनाओं कासम्मान करना चाहिए। रही बात मंदिर में पूजा करने की तो करीब 50 साल से हम वहां पूजा कर रहे हैं। इसके लिए हमारा पुरातत्व विभाग से एग्रीमेंट भी है। पुरातत्व विभाग के पास केवल मंदिर के रखरखाव और सुरक्षा का जिम्मा है। मंदिर में तो ताला आज भी हमारा डलता है।
विनोद कुमार जैन, अध्यक्ष खजुराहो जैन मंदिर प्रबंध समिति
-विवाद की जानकारी मिली है। जल्द ही पूरे मामले की जांच उपरांत कानून के अनुसार
कार्रवाई की जाएगी।
स्वप्निल वानखेड़े, एसडीएम राजनगर
-थाना में दोनों पक्षों से शिकायतें आई हैं। हम जांच कर रहे हैं। कानून के तहत
कार्रवाई की जाएगी।
रावेंद्र सिंह बागरी, थाना प्रभारी खजुराहो

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