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Hamara Candidate kaun ho : अपनों से निपटना भाजपा के लिए होगी चुनौती

locationछतरपुरPublished: Sep 05, 2018 12:03:05 pm

Submitted by:

Samved Jain

छतरपुर विधानसभा रिपोर्ट :

Chhatarpur

Chhatarpur

नीरज सोनी छतरपुर। जिला मुख्यालय की छतरपुर विधानसभा सीट परिसीमन के बाद से भाजपा के कब्जे में है। छतरपुर सीट कभी कांग्रेस के पास रही तो बीच में जनता दल से लेकर समाजवादी पार्टी के खाते में भी चली गई थी। लेकिन जब भाजपा ने इसे छीना तो कांग्रेस के लिए इस सीट को फतह करना बड़ी चुनौती बन गया। छतरपुर से भाजपा की ओर से वर्तमान विधायक और राज्यमंत्री ललिता यादव सबसे मजबूत दावेदार हैं। इसी पार्टी से भाजपा के जिला अध्यक्ष पुष्पेंद्र्रप्रताप सिंह गुड्डू और उनकी पत्नी नपा अध्यक्ष अर्चना सिंह भी दावेदारी कर रही हैं।
इनके अलावा भी कई दावेदार लाइन में हैं। इस सीट से भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती पार्टी की आंतरिक गुटबाजी और अंतर्कलह है। इसके अलावा अपने जनाधार को सुरक्षित करके रखना भी भाजपा के लिए बड़ा मुश्किल भरा होगा। भाजपा इस बार मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटी, रिंगरोड वायपास और ग्राम विकास जैसे बड़े मुद्दों के साथ चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है। वहीं कांग्रेस में केवल दो ही दावेदार निकलकर सामने आए हैं। पहला बड़ा नाम आलोक चतुर्वेदी पज्जन है, जो पिछला चुनाव २ हजार २१७ वोटों से हारे थे। इस बार वे अपनी मजबूत दावेदारी जता रहे हैं। शहरी वोटर भाजपा के ही पक्ष में ज्यादातर वोट करता आया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी भाजपा की पकड़ मजबूत होने से इस सीट पर कांग्रेस के लिए फतह करना चुनौती भरा है। संगठन स्तर से इस सीट पर भाजपा का ढांचा जहां बूथ लेवल पर मजबूत है, वहीं कांग्रेस के लिए इसमें सेंध लगाने की चुनौती है।

पिछले चुनाव में यह था हार-जीत का अंतर :
ललिता यादव को प्राप्त मत : 44623
आलोक चतुर्वेदी को प्राप्त मत : 42406
हार-जीत का अंदर : 2217

परफामेंस :
ललिता यादव राज्यमंत्री, भाजपा :
1. यूनिवसिर्टी की स्थापना छतरपुर में कराने में सफल रहीं।
2. मेडिकल कॉलेज छतरपुर के लिए स्वीकृत कराने में सफल रहीं।
3. 300 बेड का जिला अस्पताल का नया भवन का काम पूरा कराने में सफल रहीं।
4. यातायात की समस्या से शहर के मुक्त कराने के लिए वायपास का प्रस्तावित निर्माण मंजूर कराने में सफल रहीं।
5. खुद की विधायक निधि के अलावा सरकार के अन्य विभागों की योजनाओं से बजट मंजूर करवाकर क्षेत्र में सड़क, स्कूल भवन, समाज भवन निर्माण के ज्यादा काम करवाने में सफल रहीं।

आलोक चतुर्वेदी, पज्जन
1. चुनाव में पराजित होने के बाद पांच साल तक राजनीति में सक्रिय रहे।
2. शहर में जलसंकट की स्थिति में ह साल अपने खर्च से लोगों को पेयजल उपलब्ध कवारया।
3. लोगों से सतत संपर्क बनाकर रखते हुए जरूरत अनुसार लोगों को मदद उपलब्ध करवाई।
4. मेडिकल कॉलेज सहित बड़े मुद्दों पर मुखरता से आगे आकर अपनी बात रखी।
5. मेडिकल कॉलेज भवन के लिए निजी भूमि और ३५ लाख रुपए नगद देने की घोषणा की थी।

चुनौतियां :


भाजपा – भितरघात, अंतकर्लह को रोकना, संगठन स्तर पर विखरी ताकत को एक करना।
कांग्रेस – कमजोर संगठन, गुटबाजी और भितरघात ।
यहा हैं भाजपा के दावेदार :
भाजपा : ललिता यादव : दो बार की विधायक, वर्तमान में राज्यमंत्री, सहज उपलब्धता, महिला और पिछड़ा वर्ग का बड़ा चेहरा। जनता के लिए सहज।
पुष्पेंद्रप्रताप सिंह : भाजपा जिला अध्यक्ष, पिछले 10 सालों से संगठन के लिए काम किया।, संगठन का विस्तार, पत्नी दो बार से नगरपालिका अध्यक्ष। तेजतर्रार छवि, संगठनात्मक मैनेजमेंट में कुशलता।
अर्चना गुड्डू सिंह : दो बार से नगरपालिका छतरपुर की अध्यक्ष, मिलनसार छवि, राजनीतिक परिवार से ताल्लुकात।
उमेश शुक्ला : छतरपुर से पूर्व विधायक रहे, आरएसएस से परिवार का जुड़ाव रहा। बीडीए के अध्यक्ष भी रहे।
संजय रिछारिया : लंबे समय से संगठन की राजनीति में सक्रिय।
जयराम चतुर्वेदी : पार्टी के वर्तमान में जिला महामंत्री है। ईमानदारी और जमीनी नेता की छवि।
कांग्रेस : आलोक चतुर्वेदी पज्जन : वरिष्ठ कांग्रेसी परिवार से ताल्लुकात, पिछले पांच साल से सक्रिय, सफल व्यवसायी और समाजसेवी की छवि।
भवानीदीन मिश्रा : मंडी उपाध्ध्यक्ष, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी के करीबी, कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता
बसपा : अब्दुल समीर भैया ठेकेदार : पूर्व में बसपा से प्रत्याशी रहे, पांच साल से पार्टी के लिए सक्रिय।
सपा : कोई नहीं।
अन्य : सरदार देवेंंदरदीप सिंह राजू, पवन रजावत, एडवोकेट जेके आसू : सामाजिक कार्यकर्ता, सामाजिक गतिविधियों और आंदोलन में अग्रणी।
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