दरअसल, सामाजिक न्याय विभाग द्वारा सार्थक संस्था के सहयोग से दिव्यांगजनों के स्वरोजगार उपलब्ध कराने इस शिविर का आयोजन एक्सीलेंस स्कूल क्रमांक 2 परिसर में आयोजित किया गया था। शिविर में विभागीय अधिकारियों के साथ संस्था के अधिकारी भी मौजूद रहे। जबकि शहर और आसापास से करीब 70 दिव्यांग यहां आवेदन लेकर पहुंचे। अधिकारियों की स्पीच सुनने के बाद दिव्यांगों के आवेदन जमा कराए गए।
पंजीयन के दौरान नहीं बताया गया जॉब टाइटल
मौके पर विभाग और संस्था के कर्मचारी सभी दिव्यांगों के दस्तावेज जमा करते नजर आए। जिसमें जॉब के लिए उपयोग दस्तावेज जमा कराए गए हैं। इस दौरान दिव्यांग ने जब नौकरी के बारे में पूछा गया, तो उन्हें जानकारी नहीं दी गई। दिव्यांग आशाराम विश्वकर्मा ने बताया कि दस्तावेज जमा कराए गए हैं, लेकिन बताया नहीं गया कि जॉब कहां और क्या मिलना हैं। ऐसे में वह दुबिधा में हैं। फिलहाल इंतजार करते हैं। छतरपुर में जॉब नहीं मिलती तो कुछ काम की नहीं हैं।
जैसे ही बाहर नौकरी का चला पता, दिव्यांगों ने कर दिया न
जानकारी के अनुसार शिविर में कुल 65दिव्यांगों ने पंजीयन कराते हुए दस्तावेज जमा किए थे। जिनमें 59 अस्थिवाधित, 4 दृष्टिवाधित और 2 मूकवधिर श्रेणी के आवेदक रहे। यह आवेदक दिन भर शिविर में इसीलिए बने रहे कि उन्हें छतरपुर में कहीं जॉब मिल जाएगा। लेकिन विभाग और संस्था के अधिकारियों द्वारा जॉब के संबंध में दिनभर कोई जानकारी नहीं दी गई। शाम को दिव्यांगों को जैसे ही बताया गया कि आपको बड़े शहरों में जॉब मिलेगा। इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिस पर 65 में से 53 दिव्यांगों ने एक लहजे में जॉब से इंकार कर दिया। साथ ही छतरपुर में ही जॉब मिलने की बात कहकर निकल गए।
12 को किया गया हैं तैयार, भेजा जाएगा कौशल विकास केंद्र
भारत सरकार के नेशनल ट्रस्ट के एरिया मैनेजर इमाम खान ने बताया कि शिविर में 12 दिव्यांगों को
जॉब के लिए तैयार किया गया हैं। वह जॉब के लिए बाहर जाने के लिए तैयार हैं। इन दिव्यांगों के आवेदन कंपनियों को भेजें जाएंगे। इसके बाद इन्हें जॉब के लिए कॉल आएगा। इसके बाद इन सिलेक्टेड दिव्यांगों को भोपाल ले जाकर कौशल विकास करने ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही जॉब के लिए हुनर सिखाएं जाएंगे। शेष पंजीयन के आवेदन सुरक्षित रख लिए गए हैं। छतरपुर में जैसे ही कोई जॉब ऑफर आते हैं, इन्हें रोजगार दिलाया जाएगा।
वर्जन
दिव्यांगों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने यह आयोजन किया गया था। लोकल स्तर पर जॉब नहीं होने की कारण दिव्यांगों ने रुचि नहीं ली। १२ दिव्यांग बाहर जॉब करने जाएंगे।
आरपी खरे, उप संचालक सामाजिक न्याय विभाग