साल भर की पढ़ाई पर इन दिनों एक दिन शादी भारी पड़ रही हैं। परीक्षा के हिसाब से यह एक ऐसा समय हैं जब बच्चे पढ़ाई पर पूरा फोकस करते हैं। रात के समय अधिकांश बच्चे ज्यादा से ज्यादा पढ़ाई पर फोकस करते हैं। जिसका सुबह रिवीजन करने पर अध्ययन सफल होता हैं, लेकिन इन दिनों बच्चे परेशान हैं। सबसे ज्यादा परेशानी बारात घर, धर्मशालाओं के आसपास रहने वाले बच्चों को हैं। जिन्हें आए-दिन तेज साउंड की आवाज परेशान कर रही हैं।
50 से अधिक हैं बारात घर, शहर किए कवर
पत्रिका ने जब शहर में बारात घर और धर्मशालाओं की स्थिति को जाना तो इनकी संख्या 50 से अधिक हैं। जहां शादी के सीजन में लगभग हर दिन विवाह हो रहे हैं। इन सभी विवाहों में डीजे और तेज साउंड की वजह से इन दिनों रात के समय हर जगह फिल्मी गानों की धुन गूंजती सुनाई दे रही हैं। यह गूंज उन क्षेत्रों में भी बाकायदा सुनाई दे रही हैं, ज्यादा अधिकारी निवास करते हैं। डीजे भी बिना की कोई प्रशासनिक डर के देर रात तक सड़कों और विवाह स्थलों पर बज रहे हैं।
क्या कहते हैं बच्चों के अभिभावक
नारायणपुरा रोड पर रहने वाले आशीष चौरसिया ने बताया कि हमारे यहां कुछ बच्चे किराये का मकान लेकर रहते हैं। उनका स्वयं का बच्चा हायर सेकंडरी की परीक्षा दे रहा हैं। जो आसपास के वैवाहिक घरों में बजने वाले डीजे से परेशान हैं। देर रात तक इन वैवाहिक घरों में डीजे बजते रहते हैं, जिसकी शिकायत बच्चे करते हैं। वहीं हम भी रात भर सुकून से सो नहीं पाते हैं। इस संबंध में बारात घर संचालक के समक्ष शिकायत भी रखने की बात उन्होंने कही। जिस पर संचालक द्वारा जिनकी शादी होती हैं उन्ही को जिम्मेदार बताते हुए पल्ला झाड़ दिया। अब मामले की शिकायत कलेक्टर से करने की बात कही गई हैं।
नजदीक ही रहने वाले मोहन लाल ने बताया कि डीजे से बहुत परेशानी होती हैं। हमारे बच्चे रात के समय पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। पूरी-पूरी रात कई बार डीजे बज रहे हैं। रहवासी क्षेत्रों से वैवाहिक स्थल पर भी प्रतिबंध लगा देना चाहिए। उन्होंने बताया कि डीजे से होने वाली परेशानियों को लेकर अनेक बार इसकी शिकायत भी कर दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं। इससे बच्चों का भविष्य खतरे में हैं।
प्रतिबंध के आदेश हो चुके हैं जारी
कलेक्टर द्वारा कोलाहल नियंत्रण अधिनियम में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर तत्काल प्रभाव से शालेय और बोर्ड की वार्षिक परीक्षाओं के दृष्टिगत आगामी 30 अप्रैल 2020 तक ध्वनि प्रसारण यंत्रों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश के अनुसार विशेष प्रयोजनों पर ध्वनि प्रसारण यंत्रो के उपयोग की अनुमति कार्यपालिक दण्डाधिकारी से प्राप्त करना होगी। ध्वनि प्रसारण यंत्रों का प्रयोग रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक प्रतिबंधित रहेगा। इसके अलावा दिन में 45 डेसीबल और रात्रि 10 बजे तक 40 डेसीबल से अधिक ध्वनि का प्रसारण नहीं किया जाएगा।
वर्जन
आदेश का उल्लंघन करने वाले डीजे संचालकों और वैवाहिक घर संचालकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
प्रेमसिंह चौहान, एडीएम