जिला अस्पताल की गायनिक डॉ. निधि खरे ने बताया कि लॉक डाउन के समय जो भी परिजन महिलाओं को प्रसव के लिए लेकर पहुंच रहे हैं। उन्हें सबसे पहले तो सोशल डिस्टेंस के बारे में जागरुक किया जा रहा हैं। साथ ही उनके परिजनों को हर समय हाथ धुलते रहने, स्वयं को सेनेटाइज कैसे रखें और नवजात और प्रसूता के पास कितने बार पहुंचे की जानकारी दी जा रही हैं। प्रसव के दौरान भी काफी ध्यान रखा जा रहा हैं। लेबर रूम को बार-बार सेनेटाइज किया जा रहा है। नर्सेस् व स्टाफ को सोशल डिस्टेंस की सलाह दी जा रही हैं।
ब्लड चेकअप में बढ़ाई गई कोरोना की स्क्रीनिंग
प्रसव के लिए आ रही महिला कोरोना से संक्रमित तो नहीं हैं, यह भी जानने के लिए ब्लड चेकअप के साथ-साथ कोरोना की स्क्रीनिंग भी कराई जा रही हैं। अभी तक के किसी भी महिला को कोरोना संदिग्ध नहीं पाया गया हैं। जिससे उनके प्रसव भी आसानी से हो सके हैं। जिन महिलाओं की सीजर की स्थिति बन रही हैं, उनके मामलों में भी काफी एहतियात बरता जा रहा हैं। प्रसूता वार्डों में भी विशेष साफ-सफाई रखी जा रही हैं। किसी भी व्यक्ति को यहां एंट्री नहीं जा रही हैं।
छतरपुर. कोरोना के संक्रमण से खतरे को रोकने के लिए जहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा मॉस्क, सेनिटाइजर, सेफ्टी किट और सोशल डिस्टेंस रखने का नसीहत दी जा रही हैं। वहीं अब विभाग के कर्मचारी ही इन सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। अब तक मॉस्क और सेनिटाइजर की कमी से जूझ रहे जिले के स्वास्थ्य विभाग के पास अब सेफ्टी किट का भी टोटा हो गया हैं।
छतरपुर शहरी और आसपास क्षेत्रों में घर-घर पहुंचकर और सड़कों पर स्क्रीनिंग कर रहे मोबाइल टीम के डॉक्टर्स और सदस्यों के लिए दो दिनों से सेफ्टी किट नहीं मिल रहे हैं। जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई हैं। इसके पहले तक इन्हें सेफ्टी किट मिलते रहे हैं, अब नहीं मिलने से वह अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। टीम के एक सदस्य ने बताया कि हमारे द्वारा संदिग्धों की स्क्रीनिंग, जांच की जा रही हैं, ऐसे में सेफ्टी किट होने की वजह से खुद को सुरक्षित महसूस करते आ रहे थे, लेकिन मौजूदा समय में सेफ्टी किट नहीं होने की जानकारी स्टोर से दी जा रही हैं। ऐसे में हम खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। साथ ही घर जाने में भी अब डर लगने लगा हैं।
जिला अस्पताल और छतरपुर शहरी के नोडल अधिकारी डॉ. अरुणदेव शर्मा का कहना है कि यह बात सही है कि सेफ्टी किट में कमी आई हैं और इसके पहले तक टीम के सदस्यों को यह किट दी जाती रही हैं। उन्होंने बताया कि यह किट उपलब्ध होने के कारण दी जाती रही हैं, लेकिन प्रोटोकाल के अनुसार स्क्रीनिंग और जांच के लिए यह जरूरी नहीं है। इसके लिए सिर्फ थ्री लेयर मॉस्क और ग्लब्ज आवश्यक हैं। सेफ्टी किट का उपयोग आइसोलेशन वार्ड में आवश्यक हैं। जिसके लिए कुछ किट को बचाकर रखा गया हैं।