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आग से झुलसे बच्चे को झोलाछाप ने लगाया मौत का इंजेक्शन

locationछतरपुरPublished: Jan 16, 2020 08:56:18 pm

Submitted by:

Samved Jain

झोलाछाप के इंजेक्शन के बाद बच्चे के शरीर पर आ गए थे घाव, तीन दिन चले उपचार के बाद मौत

आग से झुलसे बच्चे को झोलाछाप ने लगाया मौत का इंजेक्शन

आग से झुलसे बच्चे को झोलाछाप ने लगाया मौत का इंजेक्शन

छतरपुर. आग से झुलसने के बाद बच्चे को झोलाछाप द्वारा लगाया गया इंजेक्शन मौत का इंजेक्शन साबित हुआ। जिसे तीन दिन मिला सरकारी अस्पताल की नहीं बचा सका। गुरुवार सुबह बच्चे की मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है। जांच के लिए डायरी संबंधित थाना भेजी जाएगी।

मामले में बताया गया है कि बड़ामलहरा क्षेत्र के महाराजगंज निवासी विजय पुत्र चौआ आदिवासी ८ को सोमवार को गंभीर हाल में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। विजय को पूरे शरीर में घाव हो गए थे, जबकि उसका पैर भी झुलसा हुआ था। वार्ड में भर्ती विजय का तीन दिन उपचार चला, लेकिन गुरुवार सुबह करीब बजे विजय ने दम तोड़ दिया। बच्चे की मौत के बाद सूचना अस्पताल पुलिस चौकी को दी गई।

अस्पताल पुलिस चौकी के प्रभु दयाल ने बताया कि मौत का कारण स्पष्ट नहीं होने की वजह से शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया हैं। साथ ही मर्ग कायम किया गया हैं। बच्चे की मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर हाल खराब था।
मृतक के पिता चौआ ने बताया कि शनिवार को वह पत्नी के साथ जंगल गए हुए थे। इसी दौरान बच्चों ने खेल-खेल में आग जला ली थी। जिसमें गिरने के कारण विजय झुलस गया था। विजय के झुलसने के बाद बढ़ रही तकलीफ के बाद उपचार कराने के लिए वह स्थानीय झोलाछाप के पास पहुंचा था। उपचार के दौरान झोलाछाप ने विजय को एक इंजेक्शन लगाया था, जबकि कुछ दवाइयां भी दी थी। इंजेक्शन लगने के कुछ देर बार बाद दी विजय की तबीयत ज्यादा बिगडऩे लगी थी। वापस झोलाछाप के पास गए तो उसने उपचार नहीं किया।

चौआ ने बताया कि विजय के शरीर में घाव जैसे फोड़े होने लगे थे, जिसे देख वह डर गए और तत्काल उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जिला अस्पताल में सोमवार को विजय को भर्ती कराया था। जहां तीन दिन तक उपचार चलने के बाद भी विजय को नहीं बचाया जा सका। गुरुवार की तड़का सुबह विजय की मौत हो गई।


पत्रिका व्यू: कम थमेगा सिलसिला
एक के बाद एक जान झोलाछाप के उपचार से जाती जा रही हैं। जागरुकता के अभाव में हम-आप तो अपनों की जान से खिलवाड़ कर ही रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों की लचर कार्रवाई के चलते झोलाछाप मौत का डॉक्टर बनता जा रहा है। सवाल यह हैं कि आखिर कब थमेगा यह सिलसिला…?

वर्जन
इस प्रकरण की मुझे जानकारी नहीं हैं। आप वाट्स एप कर दीजिए, मैं कार्रवाई कराता हूं।
डॉ. विजय पाथौरिया, सीएमएचओ छतरपुर

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