कलेक्टर स्तर पर ऑनलाइन नीलामी होगी। वहीं रेत की खदान पाने वाले ठेकेदार को लेटर ऑफ इंटीमेंशन(आशय पत्र) भी जिला स्तर पर जारी होगा। वहीं ठेेकेदार से अनुबंध भी जिलास्तर पर ही होगा। पिछली बार भोपाल से मंत्रालय स्तर पर ऑनलाइन नीलामी, आशय पत्र और एग्रीमेंट किया गया था। रेत नीति में संशोधन के मुताबिक रेत ठेका की अवधि अक्टूबर 2021 से 2023 तक के लिए होगी। ठेके के जरिए जिले की 48 रेत खदानों में मौजूद 18 लाख घनमीटर रेत की नीलामी की जाएगी।
जिले में वर्तमान में कुल 18 लाख घनमीटर रेत का स्टॉक है। जिसकी नीलामी दो समूह बनाकर की जाएगी। जिले की गौरिहार तहसील में 23 रेत खदानें हैं, जिसमें 11 लाख घन मीटर रेत का स्टॉक है। वहीं बाकी जिले की 25 रेत खदानों में 7 लाख घनमीटर रेत का स्टॉक है। खनिज विभाग के सूत्रों के मुताबिक गौरिहार तहसील की रेत खदानों का एक समूह और बाकी जिले की खदानों का एक समूह बनाकर नीलामी की जाएगी। हालांकि गौरिहार तहसील में रेत की मात्रा सबसे ज्यादा होने से दो समूह भी बनाए जा सक ते हैं।
अब रेत का परिवहन ट्रेन से भी किया जा सकेगा। ठेकेदारों की मांग पर सरकार ने रेल से रेत के परिवहन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह प्रस्ताव खनिज विभाग ने सरकार को भेजा था। नई व्यवस्था में ठेकेदार को खनिज विभाग और रेलवे से परिवहन की अनुमति लेनी होगी और इसके लिए उसे रेलवे को शुल्क भी चुकाना होगा। इसके लिए रेलवे से ई-टीपी (आनलाइन ट्रांजिट परमिट) लेना होगी। वहीं खनिज विभाग अपनी टीपी जारी करेगा, जो खदान से नजदीकी रेलवे स्टेशन (जहां से रैक बुक हो) के लिए होगी। दो स्तर पर परिवहन की जांच भी होगी। खदान से डंफर में कितनी रेत भरी जा रही है और रैक में कितनी रेत लोड हो रही है। इसकी निगरानी स्थानीय खनिज अमला करेगा। अमला रैक में रेत लोड करते समय उपस्थित रहेगा।
वर्ष 2019 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लगभग 100 करोड़ रूपए में छतरपुर की रेत खदानों से रेत के उत्खनन का ठेका लखनऊ की कंपनी आनंदेश्वर एग्रो फूड प्राइवेट लिमटेड को दिया था। ठेकेदार ने लगभग 8 महीने काम करने के बाद कोरोना के कारण हुए नुकसान के चलते इस काम को छोड़ दिया था। ठेेकेदार पर सरकार की 24 करोड़ से अधिक का राजस्व बकाया होने पर शासन ने ठेका निरस्त कर दिया। जिस वजह है पिछले आठ महीने से जिले में रेत का वैधानिक उत्खनन बंद पड़ा है।
जिले में रेत का वैध उत्खनन न होने से रेत के दाम में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। एक बड़ी ट्रॉली यानि 2.80 घन मीटर रेत का दाम 2000 रुपए तक बढ़ गए हैं। 2500 रुपए प्रति ट्रॉली मिलने वाली रेत अब 4000 से 4500 रुपए प्रति सैकड़ा के दाम पर मिल रही है। वहीं, दूसरी तरफ खनिज माफिया जिले की खदानों से रात के अंधेरे में अवैध रुप से उत्खनन कर रहे हैं। जबकि जिले में मौजूद सभी रेत के घाट वैधानिक तौर पर बंद पड़े हैं।
कुल रेत भंडार- 18 लाख घनमीटर
काम बंद- 8 माह से
दाम बढ़े- 2000 रुपए प्रति ट्रॉली
तैयारी पूरी
रेत खदान की दो समूहों में नीलामी की तैयारी कर ली गई है। त्योहार बाद ई निविदा जारी होगी। कलेक्टर साहब के स्तर पर नीलामी, अनुबंध किया जाएगा।
अमित मिश्रा, खनिज अधिकारी