रेल लाइन के लिए वन विभाग से पहले चरण की मंजूरी मिलने के बाद रेलवे को वाइल्ड लाइफ से एनओसी लेना है, जिसके बाद जमीन को हैंडओवर करने के बाद अर्थवर्क शुरु होगा। लेकिन वाइल्डलाइफ की एनओसी पर फाइल छह महीने से अटकी हुई है।दूसरे चरण की मंजूरी मिलते ही वन विभाग की 315 हेक्टेयर जमीन रेलवे को ट्रांसफर की जाएगी। रेलवे को दी जाने वाली वन भूमि में 307 हेक्टेयर भूमि पन्ना जिले की और 8 हेक्टेयर जमीन छतरपुर जिले की अधिग्रहित होना है। लेकिन इसके लिए दूसरे चरण की मंजूरी जरूरी है, जिसके लिए रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के खजुराहो दौरे के बाद कवायद तेज हुई, लेकिन अब कवायद में ढिलाई बरती जा रही है।
खनिज मंत्री ने उठाया था मुद्दा
रेल मंत्री के खजुराहो दौरे के दौरान स्थानीय मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने रेलवे के लिए वन विभाग की जमीन अभी तक नहीं मिलने के मामले को उठाया था। इसके बाद सेकंड फेज की अनुमति की कवायद तेज की गई। इससे यहां पेड़ों की कटाई और अर्थवर्क जैसे प्राथमिक स्तर के भी काम शुरू हो पाएंगे। खजुराहो पन्ना रेलवे लाइन के लिए पहले चरण का क्लीयरेंस मिल चुका है। इसके लिए वन विभाग को भुगतान भी मिल गया है। दूसरे चरण की एनओसी मिलते ही पेड़ों की कटाई और 315 हेक्टयर जंगल काटने के बदले दो गुना भूमि में प्लांटेशन शुरु किया जाएगा।
खजुराहो से पन्ना रेल लाइन के लिए 2100 करोड़ रुपए खर्च करके रेलवे लाइन, स्टेशन और ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। खुजराहो से पन्ना तक 72 किलोमीटर रेल लाइन डाली जाएगी। हालांकि अब रिवाइज्ड रेट के अनुसार 3000 करोड़ रुपए लागत आने की संभावना है। इस रेल खंड में सबसे बड़ा पुल केन नदी पर बनहरी के पास बनाया जाना है। वहीं, बरखेड़ा, सूरजपुरा, सबदुआ, बालूपुर, अजयगढ़ और सिंहपुर में रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा।
खजुराहो से पन्ना रेल लाइन का काम तीन पार्ट में किया जाएगा। पहले पार्ट में 23 किलोमीटर खजुराहो से सबदुआ के बीच रेल लाइन डाली डाएगी। वहीं दूसरे पार्ट में सबदुआ से अजयगढ़ तक 17 किलोमीटर रेल लाइन डाली जाएगी। इसके बाद तीसरे पार्ट में अजयगढ़ से पन्ना 31 किलोमीटर रेल लाइन का काम किया जाएगा। 72 किलोमीटर की रेल लाइन में सबसे महत्वपूर्ण पुल केन नदी पर बनाया जाना है। एक किलोमीटर लंबे पुल में 30 मीटर के 32 स्पान बनाए जाएंगे। इस पुल की लागत करीब 80 करोड़ रुपए आएगी। वहीं, खजुराहो से पन्ना के बीच 48 छोटे पुल और 32 बड़े पुल बनाए जाएंगे।