कांग्रेस नेताओं ने हरपालपुर के सर्किट हाउस पर पहुंचकर यहां एक छोटी सभा की। इस मौके पर विधायक आलोक चतुर्वेदी ने कहा कि जिला प्रशासन और सरकार मिलीभगत कर छतरपुर के किसानों के साथ दोगला व्यवहार कर रही है। जिले के किसान एक-एक बोरी खाद के लिए परेशान हैं और मौखिक आदेश पर जिले को आवंटित होने वाले खाद को टीकमगढ़ भेजा जा रहा है। इस संबंध में जनप्रतिनिधियों को भी अंधेरे में रखा गया। विधायक नीरज दीक्षित ने कहा कि हम हरपालपुर में रैक के संबंध में जानकारी लेने और किसानों के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार का विरोध करने आए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन और पुलिस ने कार्यकर्ताओं के साथ अभद्र व्यवहार किया। हमारे साथ जनप्रतिनिधि होने के बावजूद ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे हम आतंकवादी हों। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। कांग्रेस जिलाध्यक्ष लखन पटेल ने कहा कि यह सरकार किसान विरोधी है चुनावी फायदे के लिए छतरपुर के किसानों को खाद नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। बोवनी का समय गुजर रहा है ऐसे में किसान वर्ष भर क्या खाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम का विरोध जारी रहेगा।
कांग्रेस नेताओं ने ट्रेन आने की सूचना के बाद रेलवे स्टेशन के बाहरी हिस्से में सड़क पर बैठकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। यहां नेताओं की उपस्थिति में तमाम कार्यकर्ता गांधी के भजन रघुपति राघव राजाराम को गाते रहे। कुछ देर बाद पुलिस ने इन नेताओं को सड़क से उठाने की कोशिश की तो पुलिसकर्मियों और कार्यकर्ताओं के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। नोकझोंक को शांत करने के लिए पुलिस को लाठी उठाकर कुछ कार्यकर्ताओं पर हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। काफी देर तक चले हंगामे के बाद पुलिस ने दोनों विधायकों, जिलाध्यक्ष सहित कुछ अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर अपनी हिरासत में ले लिया और हंगामे को खत्म करा दिया।
जिले में मौजूद खाद संकट पर हो रहे इस हंगामे के बीच जब कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि शनिवार को 2700 मीट्रिक टन खाद की जो रैक छतरपुर आयी है उसमें से 1055 मीट्रिक टन खाद छतरपुर की सोसायटियों एवं 359 मीट्रिक टन प्राइवेट दुकानदारों के लिए आवंटित है जबकि शेष तकरीब 1200 मीट्रिक टन खाद टीकमगढ़ और निवाड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी तरह का कोई लिखित आदेश या मौखिक आदेश नहीं है कि टीकमगढ़ को छतरपुर का खाद भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को गुमराह होने की जरूरत नहीं है। छतरपुर में 1500 मीट्रिक टन खाद आ चुकी है। तीन दिनों में और खाद आने वाली है। किसी तरह का कोई संकट नहीं है।