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Counting of results will be delayed by two hours, click to know click

locationछतरपुरPublished: Dec 09, 2018 01:18:44 am

सभी टेबिलों पर मतगणना होने के बाद ही शुरू होगी अगले राउंड की गिनतीस्टेडियम में टीवी स्क्रीन के जरिए लाइव देख सकेंगे लोग

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छतरपुर। जिले की छह विधानसभा सीटों पर हुए मतों की गिनती 11 दिसंबर की सुबह 8 बजे से एक्सीलेंस स्कूल में की जाएगी। इस बार राजनीतिक दलों की ओर से हर 1-1 राउंड में सर्टिफिकेट मांगने के कारण करीब 2 घंटे देरी से नतीजे आएंगे। खासकर 15 सालों से विपक्ष में बैठी कांग्रेस के प्रत्याशियों ने इस बार ईवीएम मुद्दे पर सवाल उठाए। यही कारण है कि प्रदेश संगठन के निर्देश के बाद कांग्रेस की ओर से हर राउंड की मतगणना का सर्टिफिकेट मांगा गया है। इसी तरह भाजपा की ओर से भी सर्टिफिकेट चाहे गए हैं। हर राउंड के बाद उम्मीदवारों को सर्टीफिकेट देने के कारण रिजल्ट घोषित होने में 2 घंटे तक की देरी होगी। मतगणना के दौरान प्रत्येक राउंड के मतों की गिनती सभी टेबलों में एक साथ होगी। सभी टेबिलों की गिनती पूरी करने के बाद ही अगने राउंड की गिनती शुरु की जाएगी। हर राउंड के बाद उम्मीदवारों को गिनती के संबंध में प्रमाणपत्र दिया जाएगी। इसके अलावा हर राउंड के बाद पांच मिटन के अंदर ही उम्मीदवार शिकायत या आपत्ति लिखित में रिटर्निंग ऑफिसर को प्रस्तुत कर सकेंगे।

मतगणना की होगी वेबकास्टिंग, आयोग की रहेगी नजर
मतगणना के लिए हर विधानसभा क्षेत्र की 14-14 टेबल लगेंगी। पूरी मतगणना की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। पहली बार मतगणना हॉल की वेबकास्टिंग होगी। ये वेबकास्टिंग मुख्य निर्वाचन अधिकारी,मध्य प्रदेश के कार्यालय में बनाए गए कंट्रोल रुम में होगी। यहां एक बड़ी टीवी स्क्रीन भी लगाई जाएगी। जहां से निर्वाचन आयोग की टीम मतगणना पर नजर रखेगी। सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती होगी। हर चरण के बाद गणना के नतीजे घोषित किए जाएंगे। ऐसी ही व्यवस्था जिले के मतगणना केन्द्रों के बाहर भी की जाएगी। इसी के तरहत छतरपुर में स्टेडियम में एक बड़ी टीवी स्क्रीन के जरिए मतगणना के रुझान दिखाए जाएंगे।

हर टेबिल पर रहेंगे माइक्रो ऑब्जर्वर
मतगणना के दौरान भारत निर्वाचन आयोग की ओर से माउक्रो ऑब्र्जवर भी मतगणना कक्ष में मौजूद रहेंगे। निर्वाचन आयोग की ओर से नियुक्त सामान्य प्रेक्षक के प्रतिनिध के रुप में कार्य करने के लिए विभिन्न केन्द्रीय संस्थाओं के अधिकारियों को माइक्रो ऑब्जर्वर के रुप में नियुक्त किया गया है। हर विधानसभा के मतों की गणना के लिए 14-14 टेबिल लगाई जाएंगी। इन टेबिलों पर गणना सुपरवाइजर और गणना सहायक के अलावा माइक्रो ऑब्र्जवर भी बैठेंगे। डाकमत पत्रों की गणना के लिए अलग माइक्रो ऑब्र्जवर और टेबिल गणना के लिए अलग माइक्रो ऑब्जर्वर नियुक्त किए जाएंगे। एक विधानसभा की मतगणना के लिए कुल 16 ऑब्जर्वर शामिल रहेंगे। ये माइक्रो ऑब्जर्वर मतगणना के किसी भी कार्य से संलग्न नहीं रहेंगे। बल्कि ये अधिकारी मतगणना की पूरी प्रक्रिया का सूक्ष्मता से अवलोकन करते रहेंगे। और अवलोकन की रिपोर्ट सामान्य प्रेक्षक को निर्धारित फॉर्मेट में भरकर देंगे।

केवल पर्यवेक्षक इस्तेमाल कर सकेंगे मोबाइल
निर्वाचन आयोग द्वारा तैनात किए गए प्रेक्षक ही मतगणना स्थल पर मोबाइल का इस्तेमाल कर सकेंगे। यहां तक कि एआरओ को भी मोबाइल उपयोग करने की इजाजत नहीं दी गई है। ये व्यवस्था रिप्रेजेन्टेटिव ऑफ पीपुल्स एक्ट 1951 और कंडक्ट ऑ्रफ इलेक्शन रूल्स 1961 के तहत की गई है। रिप्रेजेन्टेटिव ऑफ पीपुल्स एक्ट 1951 के सेक्शन 64 के तहत उम्मीदवार, इलेक्शन एजेंट और काउंटिंग एजेंट को मतगणना स्थल पर रहने की इजाजत होगी।

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