आज भी होगा वैक्सीनेशन
गुरुवार को जिले में ६७ केन्द्रों पर वैक्सीनेशन किया जाएगा। कोविशिल्ड के पहले व दूसरे डोज के लिए ५८ केन्द्र बनाए गए हैं। जहां १६ हजार २५० लोगों को टीका लगाया जाएगा। वहीं, ९ केन्द्रों पर को वैक्सीन का केवल दूसरा डोज लगाया जाएगा। को वैक्सीन के लिए छतरपुर, सटई, बड़ामलहरा, राजनगर में एक एक केन्द्र बनाए गए हैं। वहीं, नौगांव, गढ़ीमलहरा, अलीपुरा, हरपालपुर और गौरिहार में भी केन्द्र बनाए गए हैं।
गुरुवार को जिले में ६७ केन्द्रों पर वैक्सीनेशन किया जाएगा। कोविशिल्ड के पहले व दूसरे डोज के लिए ५८ केन्द्र बनाए गए हैं। जहां १६ हजार २५० लोगों को टीका लगाया जाएगा। वहीं, ९ केन्द्रों पर को वैक्सीन का केवल दूसरा डोज लगाया जाएगा। को वैक्सीन के लिए छतरपुर, सटई, बड़ामलहरा, राजनगर में एक एक केन्द्र बनाए गए हैं। वहीं, नौगांव, गढ़ीमलहरा, अलीपुरा, हरपालपुर और गौरिहार में भी केन्द्र बनाए गए हैं।
आपूर्ति और लापरवाही से रफ्तार पर लग रहा ब्रेक
जिले में ११ लाख लोगों को कोरोना के दोनों डोज लगाए जाने हैं जबकि अब तक सिर्फ ७३४९४ लोगों को ही दोनों डोज मिले हैं। ६ माह गुजरने पर भी वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज नहीं होने का सबसे बड़ा कारण वैक्सीन के उत्पादन में आ रहीं दिक्कतें हैं। वैक्सीन का निर्माण कर रहीं कंपनियां भारत सरकार को पर्याप्त मात्रा में उत्पादन नहीं दे पा रही हैं जिसके कारण सप्ताह में दो या तीन दिन ही पर्याप्त डोज जिले में उपलब्ध हो पाते हैं। दूसरा बड़ा कारण पहले डोज के बाद बरती जा रही लापरवाही है। ८४ दिन का अंतर होने के साथ-साथ दूसरे डोज के प्रति लोगों की लापरवाही भी वैक्सीनेशन को सुनिश्चित करने में बाधा बन रही है।
जिले में ११ लाख लोगों को कोरोना के दोनों डोज लगाए जाने हैं जबकि अब तक सिर्फ ७३४९४ लोगों को ही दोनों डोज मिले हैं। ६ माह गुजरने पर भी वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज नहीं होने का सबसे बड़ा कारण वैक्सीन के उत्पादन में आ रहीं दिक्कतें हैं। वैक्सीन का निर्माण कर रहीं कंपनियां भारत सरकार को पर्याप्त मात्रा में उत्पादन नहीं दे पा रही हैं जिसके कारण सप्ताह में दो या तीन दिन ही पर्याप्त डोज जिले में उपलब्ध हो पाते हैं। दूसरा बड़ा कारण पहले डोज के बाद बरती जा रही लापरवाही है। ८४ दिन का अंतर होने के साथ-साथ दूसरे डोज के प्रति लोगों की लापरवाही भी वैक्सीनेशन को सुनिश्चित करने में बाधा बन रही है।