छतरपुरPublished: Mar 28, 2020 12:09:37 pm
Sanket Shrivastava
बूंदाबादी से किसान के चेहरों पर चिंता की लकीर
Crop is wet, farmers are worried
टीकमगढ़. एक हफ्ताह से रबी की फसल की कटाईशुरू हो गईहै। बिजली की चमक और आसमान पर छाए बादलों, बूंदाबादी से खेतों में कटी पड़ी फसल गीली हो गई। उससे किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी। वहीं कोरोना वायरस से बचने को लेकर अधिकतर किसान घरों में से बाहर नहीं निकल पा रहे है।
जिले में १ लाख ७५ हजार के करीब किसानों द्वारा सरसों, मसूर, मटर, चना और गेहूं को बोया गया। मार्च शुरू होते ही रबी फसलों की कटाई भी शुरू हो गई थी। धूप न मिलने के कारण सभी प्रकार की फसले गीली थी। जिसके कारण थ्र्रेसिंग नहीं हो पाईहै। वहीं बुधवार की रात में तेज हवा और तुफान से खेत में रखी फसल उड़ गई थी। इसके साथ ही शुक्रवार की सुबह से भी बूंदाबादी होती रही है। यह सिलसिला दिनभर चला। सूखी को गीला देख किसानों के चेहरों पर मायूसी तो छाईरही। इसके साथ ही फसल बचाव के प्रयोग भी किए गए।
किसान कृष्णप्रताप सिंह, गोर्वधन, भागचंद्र और रामचरण यादव के साथ श्यामसुंदर यादव ने बताया कि इस बार किसानों को सरकार द्वारा सही समय पर पर्याप्त सभी प्रकार का खाद और बीजों उपलब्ध हुआ। बोवनी के बाद रबी फसलों में कोई भी रोग दिखाई नहीं दिख। फसल पककर तैयार हुई और प्रकृति ने बारिश शुरू कर दी। जिससे किसानों के चेहरे पर निराशा दिखाई दे रही है। किसान चंद्रभान सिंह लोधी, अशोक अहिरवार, रम्मुआ कुशवाहा ने बताया कि एक हफ्ता से खेती कटाई का कार्य संचालित हो रहा है। यह सारी फसलें खेतों में कटकर पड़ी हुई है। वहीं कोरोना वायरस को लेकर गांव के साथ अन्य गांवों में मजदूरों का मिलना भी मुश्किल हो गया है।